Ashutosh Shahi murder case शहर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड में मंटू शर्मा व गोविंद की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. पटना एसटीएफ के अलावे एसआइटी की छह अलग-अलग टीम दोनों आरोपितों के ठिकाने पर लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस दोनों से जुड़े शहर में रहने वाले लोगों पर भी नजर रखे हुई है. टेक्निकल सेल भी उनके मोबाइल के लोकेशन को ट्रेस करने में जुटी हुई है. पुलिस टीम इस हत्याकांड में जेल भेजे गये विजेंद्र उर्फ विक्कू शुक्ला और शेरू अहमद से शूटरों के बारे में कोई ठोस जानकारी पुलिस को नहीं मिल पायी है. संभावना है कि मंटू शर्मा या गोविंद की गिरफ्तारी के बाद ही शूटरों के बारे में पुख्ता जानकारी मिल पायेगी. इधर, आशुतोष शाही हत्याकांड की मॉनिटरिंग लगातार पुलिस मुख्यालय द्वारा की जा रही है. चर्चा यह है कि पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा और सरकार की अनुमति के बाद जमीन कारोबारी आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच सीआइडी को सौंपी जा सकती है.
इधर, नगर थानेदार सह केस के आइओ इंस्पेक्टर श्रीराम सिंह गुरुवार को रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे. उन्होंने आशुतोष शाही के द्वारा हाल में रजिस्ट्री कराये गये जमीन के बारे में जानकारी जुटायी है. इसके अलावा कल्याणी मछली मंडी की जमीन के संबंध में भी पुलिस ने रजिस्ट्री कार्यालय से विस्तृत जानकारी जुटायी है. करीब एक घंटे से अधिक समय तक आइओ ने रजिस्ट्री कार्यालय में रुके रहे. इस दौरान कई कागजों का अवलोकन किया. इसके बाद वे वापस लौट आए है. जांच के बारे में नगर थाने की पुलिस ने कुछ भी आधिकारिक रूप से बोलने से परहेज कर रहे हैं. आशुतोष शाही की हत्या में पुलिस ने भगवानपुर इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर मंटू शर्मा व गोविंद के ठिकाने के बारे में पूछताछ कर रही है.
पुलिस घटनास्थल से जब्त साक्ष्यों को शुक्रवार को एफएसएल जांच के लिए गन्नीपुर स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजेगी. केस के आइओ इंस्पेक्टर श्रीराम सिंह ने इस बाबत कागजी तैयारी शुरू कर दी है. शुक्रवार को कोर्ट से अनुमति लेकर साक्ष्यों को एफएसएल जांच के लिए भेजा जायेगा. साक्ष्य में अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के कमरे से जब्त किये ब्लड लगा बेडशीट, खोखा, पिलेट, जिंदा कारतूस व एफएसएल की टीम द्वारा जब्त किये गये ब्लड के सैंपल व अन्य साक्ष्य शामिल हैं.
आशुतोष शाही की हत्या की प्लानिंग से वारदात को अंजाम देने तक अपराधियों की हर एक गतिविधि की पुलिस टीम गोपनीय तरीके से जानकारी जुटा रही है. सादे लिबास में एसटीएफ व पुलिस शहर में घूम रही है. आम लोगों के बीच हो रही चर्चा पर भी पुलिस की नजर है. पुलिस एक कड़ी से दूसरी कड़ी जोड़कर अनुसंधान कर रही है.
केस में नामजद आरोपित मनियारी के गोविंद कुमार भी अपना ठिकाना लगातार बदल रहा है. पुलिस को दिल्ली तक का लोकेशन मिला है. इसके आगे उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है. वहीं, मृत निजी गार्ड निजामुद्दीन का रिवाल्वर और मोबाइल भी शहर में ही छिपाया गया है. हालांकि, शूटरों की गिरफ्तारी के बाद ही हथियार कहां छिपाया गया है, इसकी जानकारी हो सकती है. एक संदिग्ध से भी पुलिस पूछताछ में जुटी है. लेकिन, करीब 24 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद कुछ विशेष हासिल नहीं हो पाया है. इधर, हत्याकांड में पुलिस की अलग-अलग टीम जांच में जुटी है. जिला पुलिस की एक टीम नामजद लोगों की गिरफ्तारी को लेकर काफी सक्रिय है. वहीं, एसटीएफ और एसआईटी मुजफ्फरपुर सहित दूसरे राज्यों में मास्टरमाइंड और नामजद की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.
इधर, पुलिस की तफ्तीश में अब तक कई तथ्य सामने आये हैं. जिस पिस्टल से जमीन कारोबारी की हत्या की गयी थी, वह गोबरसही इलाके में छिपाया गया था. फिर वहां से शूटर बस से पटना गये. पटना के जानीपुर इलाके में रुकने से संबंधित साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं. फिर वहां से सभी अपने-अपने रास्ते निकल गये. इधर, चर्चा यह भी है कि दूसरे राज्य जाने के लिए सभी फ्लाइट से निकले थे. वहीं, मंटू शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर भी एसटीएफ उत्तराखंड में कैंप कर रही है.
आशुतोष शाही के सिंडिकेट के अलावा अन्य जमीन कारोबारियों से भी पुलिस की टीम जानकारी ले रही है. नगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया कि शूटरों की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीम लगी है. हत्या के बाद शुटर पटना में छिपे थे. पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. इलाजरत अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर को से भी पुलिस ने पूछताछ की है.