राम-जानकी मार्ग (राम जन्मभूमि अयोध्या को सीता की जन्मभूमि जनकपुर) को सीधा जोड़ने वाली सड़क से अब हाजीपुर भी जुड़ गया है. इसके लिए मुजफ्फरपुर के आठ व वैशाली जिले के 14 गांवों में भूमि का अधिग्रहण होगा. जिले के जिन गांवों में जमीन ली जायेगी, उनमें मानिकपुर, अबुचक, चक इब्राहिमपुर, कोल्हुआ, पिपरा घुस, आनंदपुर सिंह, वीरपुर और चक अब्दुल रहीम शामिल हैं. इसके लिए जल्द आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
इस बहुप्रतीक्षित सड़क के लिए एनएचएआइ ने साहेबगंज के 21, पारू के 15 और केसरिया के दो गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया है. इसके लिए एनएचआइ को 3ए का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. इनमें अहियापुर, भटंडी, खुरसेदा, धर्मपुर, परसौनी जहांगीर, बैजनाथपुर, वासुदेव भरत, वासुदेव सराय, करनौल, नीलकंठ, देवसारा असली, रजवारा, लोरिया, करनौल चतुर्भुज, धनिया हजरतपुर, दाहा छपरा, चिकनौटा असली, बेला छपरा, सिमरा निजामत, विशुनपुर पट्टी, हलीमपुर, पकरी बसारत, देवरिया, आनंदपुर करनौली, चांदपुर, विशुनपुर, माणिकपुर, छपरा, जगदीशपुर धर्म, कोदरिया, जलीलनगर, पकुली उर्फ लालू छपरा, हरशंकरपुर, गरीबा, पारू खास, नीमापट्टी, पिपरा गोसाइ, चक अलसर, नीम पट्टी, लालू छपरा और केसरिया के जगीरा व बिटधारी माफी शामिल है.
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अयोध्या से सीधे नेपाल काे जोड़ने वाले राम-जानकी मार्ग जिले के तीन प्रखंड सरैया, साहेबगंज व पारू से गुजर कर पूर्वी चंपारण के केसरिया होते हुए एनएच-28 में जुड़ेगा. दरअसल, रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों अयोध्या, नंदीग्राम, शृंगवेरपुर व चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्य प्रदेश), महेंद्र गिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्राचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan