शनिवार की सुबह तक नेपाल के काठमांडू में अधिक बारिश होने के कारण रविवार को मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होने का अनुमान है. वही काफी दिनों बाद सुबह से गंडक नदी के जलस्तर में रेवा घाट में तेजी से वृद्धि हो रही है. फिलहाल बागमती के साथ बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर हो गया है.
बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर हो जाने से शहरी क्षेत्र के सिकंदरपुर से जीरो माइल तथा कांटी के कोल्हुआ तक के बाढ़ प्रभावित फिर से परेशान हो गए हैं. उन्हें एक बार फिर बाढ़ का डर सताने लगा है . बाल्मीकि नगर गंडक बराज से शनिवार की दोपहर तक 1.55 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ है. पूर्व में अधिक डिस्चार्ज होने के कारण शनिवार को गंडक नदी के जलस्तर में शाम तक वृद्धि जारी रही.
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान 55.23 से नीचे 54.70 मीटर पर तथा बेनीबाद में खतरे के निशान 48.68 से ऊपर 49.22 मीटर पर स्थिर है. गंडक नदी का जलस्तर रेवा घाट में खतरे के निशान 54.41 से नीचे 53.76 पर बढ़ रहा है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान 52.53 से नीचे 52.03 मीटर पर स्थिर है.
समय से पहले सामान्य से अधिक बारिश व बाढ़ से तिरहुत प्रमंडल में खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है़ इसके अलावा फल व सब्जी को भी क्षति हुई है. इस वजह से धान की रोपनी प्रभावित हुई है. खेतों में पानी जमा होने से बिचड़ा गल गया. कृषि विभाग ने प्रभावित फसलों का सर्वेक्षण कराया था. इसके बाद छह जिले से रिपोर्ट तैयार की गयी. क्षति की रिपोर्ट सरकार को भेजी गयी है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan