मुजफ्फरपुर : बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की कवायद निचले स्तर से शुरू होगी. शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसमें जिला स्तर के अधिकारी से लेकर विभाग के कर्मचारी तक को जिम्मेदारी दी गयी है. गुुरुवार को अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीइओ और डीपीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की, जिसमें सुधार के लिए तीन महीने का टास्क दिया. उन्होंने विद्यालयों की रेंडम जांच और लगातार तीन बार बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है.
अपर मुख्य सचिव ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ पहली ऑनलाइन बैठक में कहा है कि विभाग के कार्यालय से लेकर विद्यालय तक समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जाये. सभी डीइओ को सुबह 9.30 बजे तक कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में हाई स्पीड नेटवर्क वाले इंटरनेट की व्यवस्था करने को भी कहा है, ताकि कभी भी अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की जा सके. बैठक में शामिल डीइओ व डीपीओ से उन्होंने कहा कि वे कभी भी उनको सीधे सूचना दे सकते हैं. विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति बेहतर बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव ने रेंडम जांच का निर्देश दिया. कहा कि विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक का रोस्टर तैयार किया जाये. प्रतिदिन दोपहर तीन बजे के आस-पास अधिकारी या कर्मचारी विद्यालयों में जाकर अनुश्रवण करेंगे और उसकी रिपोर्ट भेजेंगे.
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अपर मुख्य सचिव ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को उच्च क्षमता वाला सॉफ्टवेयर तैयार करने का सुझाव दिया है. विद्यालयों के अनुश्रवण के दौरान सभी जिलों से सीधे ऑनलाइन रिपोर्टिंग की जायेगी. ऐसे में रोजाना 80 हजार से अधिक तस्वीरें आयेंगी. परिषद को कहा गया है कि सॉफ्टवेयर लोड को देखते हुए तैयार किया जाए, ताकि ज्यादा फोटो आने पर वह हैंग न करे. इसके साथ ही सभी जिलों को विद्यालयों का डाटाबेस तैयार करने के लिए भी कहा गया है. इसमें शिक्षकों के साथ ही छात्रों से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध रहेगी.