प्रेमांशु शेखर,मुजफ्फरपुर: बोचहां उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के नेता चिंतन में हैं. भाजपा के कैडर वोटर माने जाने वाले अगड़ी जाति के मतदाता बोचहां में एनडीए में अपनी पूछ कम होने और भाजपा प्रत्याशी से ज्यादा नाराज दिख रहे थे. इसका फायदा राजद को मिला. इस चुनाव में राजद को ऐसे गांव से भी वोट मिला, जहां पर अभी तक किसी भी चुनाव में उन्हें बढ़त नहीं मिलती थी.
राजद जिलाध्यक्ष रमेश गुप्ता का मानना है कि बोचहां में अगड़ी जाति के मतदाताओं का भी उनकी पार्टी को भरपूर सपोर्ट मिला है, जिसका नतीजा है कि बड़े अंतर से राजद प्रत्याशी को जीत मिली है. 2020 के विस चुनाव से इस बार राजद का वोट प्रतिशत भी बढ़ गया है.
पिछले चुनाव में 182633 वोट पड़े थे. जिसमें राजद प्रत्याशी रहे रमई राम को 36.45 प्रतिशत, जबकि वीआइपी के प्रत्याशी स्व मुसाफिर पासवान को 42.62 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस उपचुनाव में राजद के वोट में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके पीछे राजद नेता एटूजेड की पार्टी होने के समीकरण का दावा कर रहे हैं.
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बोचहां में टिकट बंटवारे के समय से ही जनता भाजपा प्रत्याशी से नाराजगी जता रही थी.सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर वह प्रतिक्रिया जता रहे थे. भाजपा नेताओं ने अपने कैडर वोट को बचाने के लिए हर बिरादरी के मंत्री और प्रदेश के नेताओं को जनसंपर्क के लिए क्षेत्र में उतारा. हर गांव में घूम-घूम कर लोगों से वादे से लेकर मान- मनौव्वल भी किया गया, लेकिन यह काम नहीं आया.
राजद प्रत्याशी ने अपने पिता स्व मुसाफिर पासवान से भी अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. 2020 के चुनाव में वीआइपी से लड़े मुसाफिर पासवान को 77837 वोट मिले थे. उन्होंने राजद के रमई राम को 11278 वोटों से हराया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan