18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चमकी बुखार: जागरूकता के नाम पर खर्च पैसे हुए पानी, पीड़ित बच्चों के परिवारों को ही एइएस की कोई जानकारी नहीं

एइएस पीड़ित बच्चों के परिवारों से मिलकर उनसे बीमारी के लक्षण, अस्पताल पहुंचने एवं डिस्चार्ज होने के बाद घर तक पहुंचने के बाद की देखभाल संबंधी प्रश्नावली तैयार कर पूछा गया. इसमें अधिकतर ने एइएस की जानकारी नहीं होने की बात कही.

मुजफ्फरपुर: एइएस से बच्चों को बचाने के लिए हर साल स्वास्थ्य विभाग लाखों रुपये प्रचार-प्रसार पर खर्च कर रहा है. बावजूद, एइएस से पीड़ित हुए बच्चों के परिवारों को ही इसकी बचाव संबंधी कोई जानकारी नहीं है. डीएम की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में केयर इंडिया के प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी. यह बताया गया कि एइएस पीड़ित बच्चों के परिवारों से मिलकर उनसे बीमारी के लक्षण, अस्पताल पहुंचने एवं डिस्चार्ज होने के बाद घर तक पहुंचने के बाद की देखभाल संबंधी प्रश्नावली तैयार कर पूछा गया. इसमें अधिकतर ने एइएस की जानकारी नहीं होने की बात कही. इसके बाद डीएम ने जागरूकता अभियान को और तेज करने का निर्देश है.

99 प्रतिशत परिवारों के पास नहीं पहुंचा कोई कर्मी

इधर आठ दिन बाद गुरुवार को प्रभारी डीएम सह डीडीसी आशुतोष द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी कोई परिवर्तन नहीं होने की जानकारी मिली. प्रभारी डीएम ने कहा कि पीड़ित परिवारों में 99 प्रतिशत परिवारों के पास कोई कर्मी पहुंचे ही नहीं, इससे स्पष्ट होता है कि जागरूकता की भौतिक स्थिति क्या है. सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने कहा कि जागरूकता अभियान के लिए बड़ी संख्या में सरकार की ओर से आइएसी मैटेरियल होने के बाद भी पीड़ित परिवारों को जागरूकता की जानकारी नहीं होना दुखद है.

Also Read: बिहार: मेगा फूड पार्क में पांच फूड प्रोसेसिंग यूनिट को मिली जगह, 54 एग्री मार्केट व 237 कोल्ड चेन की तैयारी
अब पोषक क्षेत्र का सेविका व आशा करेगी मॉनिटरिंग

जागरूकता अभियान की भौतिक स्थिति में लापरवाही सामने आने के बाद प्रभारी डीएम ने नया आदेश जारी किया. कहा कि जीरो से 10 वर्ष उम्र तक के बच्चों में प्रत्येक आंगनबाडी पोषक क्षेत्र के आधे बच्चों को सेविका व आधे को आशा घर-घर जाकर प्रतिदिन की रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके बाद प्रत्येक शनिवार को लगने वाले चौपाल में गोद लिये अधिकारी जब जायेंगे तो उसकी सत्यतता की जांच कर अपना भी हस्ताक्षर करेंगे. यदि इसके बाद भी कोई लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें