आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, इसके साथ ही 4 दिवसीय छठ महापर्व की तीन दिन पूरे हो गये है. पूरा बिहार छठ के रंग में सराबोर नजर आया.कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो जायेगा.
बिहार समेत पूरे देश में छठ बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है. छठ महापर्व को लेकर बिहार में उत्साह का माहौल है. छठ मैया के गीत गाते हुए बिहार की हजारों व्रती महिलाओं ने दीप जलाकर अस्तलाचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया. कल सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा.
लोकआस्था और सूर्योपासना के महापर्व, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. बिहार के कई हिस्सों में नदी या तालाब के किनारे व्रत किए लोगों ने डूबते सूर्य की अराधना की.
आज शाम मुजफ्फरपुर में घाट पर पूजा के दौरान कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला. दर्जनों घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा.
छठ पर्व बिहार का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. बिहार के साथ-साथ, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में छठ धूम-धाम से मनाया जाता है.
18 नवंबर को’नहाय-खाय’ के साथ चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हुई थी. 21 नवंबर की सुबह लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न हो जाएगा.
नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत बुधवार को हो थी और कल शाम व्रतियों ने खरना पूजा की. गुड़ और दूध में अरवा चावल से बनी खीर का भोग लगाया गया और इसे ग्रहण करने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला उपवास की शुरुआत हुई.