कोरोना काल में मानवता भी तार-तार हो रहा है. सकरा थाना के सुजावलपुर निवासी महेश सिंह काफी दिनों से हृदय रोग से ग्रसित थे. उनका शहर के एक डॉक्टर के पास इलाज भी चल रहा था. सोमवार की सुबह अधिक तबीयत बिगड़ने पर उनकी पत्नी अनिता देवी इलाज कराने घर से जूरन छपरा के लिए निकली. सुजावलपुर चौक से उन्होंने शहर आने के लिए ऑटो पकड़ी. दिघरा में अचानक तबीयत बिगड़ने से महेश सिंह की मौत हो गयी. जानकारी मिलने पर ऑटो के चालक ने शव को बीच पुल पर उतार दिया.
ऑटो के चालक को रास्ते में कोरोना से मौत होने की आशंका हो गयी. अनिता देवी रो रो कर कहती रही कि इनकी मौत कोरोना से नहीं, हृदय गति रुकने से हुई है. लेकिन उसने महिला की बात नहीं सुनी. मानवता को दरकिनार करते हुए रामदयालु नगर पुल के ऊपर में महेश सिंह के शव को कड़ी धूप में उतार दिया. करीब आधे घंटे तक अनिता पति के शव के पास बैठ लोगों से रो रो कर मदद की गुहार लगाती रही. लेकिन किसी राहगीर ने उसकी मदद नहीं की.
इस बीच जानकारी मिलने पर दारोगा राजेश कुमार राकेश मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रारंभिक छानबीन की. अनिता देवी से मौत का कारण पूछा. इस बीच मृतक का शरीर पूरा पीला पड़ गया था. दारोगा ने पत्नी से मोबाइल नंबर लेकर मृतक के घर पर अन्य परिजनों से बात की. इसके बाद पत्नी ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. जिसके बाद दारोगा राजेश कुमार राकेश ने शव को एक पिकअप पर लदवा कर पत्नी के साथ सुजावलपुर भेज दिया. थानेदार सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि हर्ट अटैक से मौत होने की बात सामने आयी है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan