मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के कोरोना वार्ड में इलाज के लिए भर्ती एक पॉजिटिव मरीज की मौत सोमवार की देर रात हो गयी. वह भगवानपुर के रहनेवाले थे. मौत के बाद परिजनों ने शव को ले जाने से इन्कार कर दिया. मृत व्यक्ति वैशाली जिले के एक अधिकारी के बहनाेई थे. तीन दिनों से इलाज के लिए वह भर्ती थे. मंगलवार की शाम तक उनका शव अस्पताल में ही पड़ा रहा.
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अस्पताल प्रबंधन परिजनों को शव देने के लिए बुलाया, लेकिन पत्नी ने शव लेने से इन्कार कर दिया. दोपहर में इसकी जानकारी अधीक्षक ने एसकेएमसीएच प्राचार्य डॉ विकास कुमार को दी. परिजनों में भय था कि कहीं और लोग संक्रमित न हो जायें. परिवार को कोई सदस्य अस्पताल आना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद प्राचार्य ने सदर अस्पताल से कोरोना मॉर्चुरी वैन मंगवाया और शव का डिस्पोजल कराया.
प्राचार्य ने बताया कि शव को नहीं ले जाने के बाद अस्पताल के चार स्वीपर को पीपीई किट पहनाकर प्रोटोकॉल के अनुसार शव का अंत्येष्टि करायी गयी है. एसकेएमसीएच में कोरोना वार्ड बनने के बाद यह पहली मौत हुई है. उक्त व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार थे. इनका इलाज किया जा रहा था. दाह संस्कार करने के लिए अस्पताल के ही चार स्वीपर को मेंबर बनाया गया है. सभी का अकाउंट नंबर और आधार कार्ड लेकर सरकार को भेज दिया गया है.
एसबीआइ के बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी कैंपस ब्रांच के भी एक फील्ड ऑफिसर और सफाईकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इससे बीयू कैंपस शाखा के अन्य कर्मचारी व पिछले दस दिनों के भीतर ब्रांच में आये ग्राहकों के बीच हड़कंप है.
हालांकि, एहतियात बरतते हुए मंगलवार की सुबह ही ब्रांच को सील कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्रांच पहुंच कर सैनिटाइजेशन का कार्य करने के साथ ब्रांच में काम करने वाले एक दर्जन कर्मियों का सैंपल कोरोना जांच के लिए कलेक्ट किया है. बता दें कि बीयू कैंपस ब्रांच में सबसे ज्यादा बीआरए बिहार विवि के शिक्षक व कर्मियों व उनके परिवार से जुड़े सदस्यों का अकाउंट हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya