मुजफ्फरपुर: मुशहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में जननी सुरक्षा योजना की राशि के भुगतान में अनोखा कारनामा हुआ है. रोहुआ पंचायत की छोटी कोठियां गांव में कई बुजुर्ग महिलाओं के खाते में प्रसव प्रोत्साहन के नाम पर राशि डाली गयी. 65 साल की एक बुजुर्ग महिला के खाते में 14 माह में आठ बार 1400 रुपये की दर से राशि डाली गयी. फिर उनके खाते से राशि निकाल भी ली गयी. इन महिलाओं का खाता एसबीआइ के सीएसपी में है.
इस मामले की जानकारी मिलने पर डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सीएचसी प्रभारी से तीन दिन में मामले की प्रथम जांच रिपोर्ट मांगी है. उधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उपेंद्र चौधरी ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया लेखापाल अवधेश कुमार को दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ मुशहरी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
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दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, सीएचसी के लेखापाल की मिलीभगत से तीन महिलाओं के खाते में 1400 रुपये की दर से राशि भेजी गयी. लीला देवी को 14 माह में आठ बार, शांति देवी को नौ माह में पांच बार और सोनिया देवी को पांच माह में चार बार राशि का भुगतान किया गया. उधर, इन महिलाओं का कहना है कि उन्होंने इस राशि की निकासी नहीं की है. सूत्रों की मानें तो राशि डालने के अगले दिन ही खाते से राशि निकाल ली गयी. जिन महिलाओं के खाते में प्रसव प्रोत्साहन की राशि डाली गयी है, उनमें से तीन की उम्र 65 साल से ज्यादा है.
मालूम हो कि जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है. केंद्र सरकार इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देती है.
जब पीड़ित महिला शांति देवी अपने पुत्र सुरेंद्र सहनी के साथ गांव में स्थित सीएसपी पर गयी तो वहां संचालक नहीं मिले. मौके पर उपस्थित स्टाफ पूनम कुमारी ने बताया कि सीएसपी संचालक सुशील कुमार का कंप्यूटर खराब था. वह उसको बनवाने गये हैं. फोन पर सीएसपी संचालक सुशील कुमार ने बताया कि किसी भी खाताधारी के राशि की निकासी फिंगर प्रिंट के बगैर नहीं होती है.
मुसहरी सीएचसी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत अनियमितता से संबंधित मामला संज्ञान में आने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए इसकी जांच के लिए अपर समाहर्ता राजस्व, राजेश कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी में अपर समाहर्ता के साथ डीपीएम स्वास्थ विभाग, लेखा प्रबंधक स्वास्थ्य विभाग व वरीय प्रभारी पदाधिकारी मुसहरी- सह- प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा शामिल हैं.
जिलाधिकारी ने दो दिन के अंदर प्रतिवेदन मांगा है. उनका कहना है कि किसी भी तरह की अनियमितता पायी जाती है तो विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही पिछले एक साल में किए गए भुगतान का भी जांच कराने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया है. जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस मामले की समीक्षा होगी.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya