20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाला से आलू की फसल को बचाने के लिए दवा स्प्रे जरुरी, खेत में झुलसा बीमारी फैलने पर करें ये काम

Bihar News: किसानों ने यूरिया की किल्लत पर गंभीरता से चर्चा की. किसानों की चिंता है कि यूरिया की किल्लत होने के कारण फसल की हालत बिगड़ रही है. फसल कमजोर होने से खेतों में खरपतवार भी काफी उग रहे हैं.

पटना. बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. शीतलहर पड़ने के कारण आलू की फसलों में झुलसा बीमारी फैलना शुरू हो गया है. आलू की फसल को शीतलहर और झुलसा की बीमारी से बचाव बहुत जरुरी है. क्योकि ऐसा नहीं करने पर इसका सीधा असर आलू के उत्पादन पर पड़ेगा. पाला से आलू फसल की पत्तियां मुरझा जाते हैं और पौधे बदरंग हो जाते हैं. आलू के साथ साथ मटर, टमाटर, मसूर, सरसो, धनिया, बैगन सहित अन्य रबी फसलों के लिए भी पाला नुकसानदायक है. प्रदेश में पाला पड़ने के कारण कई फसलों के उत्पादन पर संकट पैदा हो सकता है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि किसान थोड़ी सूझबूझ से आलू की फसल को बचा सकते हैं.

आलू की फसल को बचाने के लिए 11 दिनों के अंतराल पर करें दवा स्प्रे

किसानों की चिंता है कि यूरिया की किल्लत होने के कारण फसल की हालत बिगड़ रही है. फसल कमजोर होने से खेतों में खरपतवार भी काफी उग रहे हैं. ऐसे में, किसानों को भविष्य में आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. पौधा रोग विशेषज्ञ हेमचंद्र चौधरी किसान नैनो यूरिया व खरपतवारनाशी दवाओं का इस्तेमाल एक साथ कर सकते हैं. इससे कोई नुकसान नहीं है. किसान नैनो यूरिया चार से पांच एमएल प्रतिलीटर व दो एमएल टूफॉरडी या अन्य कोई खरपतवारनाशी दवाओं का इस्तेमाल प्रतिलीटर पानी की दर से घोल बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा करने से यूरिया फसल को फायदा करेगी व खरपतवारनाशी दवा घास को समाप्त करेगी. हालांकि, इसका दवा का स्प्रे ओस रहने के दौरान नहीं करना है. अगर पौधा मांग करे, तो उसे एनके नामक घोल कर स्प्रे कर सकते हैं.

पशुओं को ठंड से बचाने के लिए विटामिन से भरपूर खाना खिलाएं

यूरिया के साथ किसान जिंक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन, घर से यूरिया के दाने में जिंक मिलाकर खेत में नहीं ले जाएं. यूरिया को खेत में ले जाकर ही जिंक का मिलाएं. उतनी ही यूरिया में जिंक मिलाएं, जितनी मात्रा एकदम जल्दी छिड़काव कर सकते हैं. अन्यथा यूरिया घुलना शुरू हो जायेगा. एनपीके के घोल के साथ जिंक का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. क्योंकि, फॉस्फेटिक उर्वरकों के साथ जिंक का इस्तेमाल वर्जित है. उत्तर बिहार के खेतों में सल्फर की 40 से 45 प्रतिशत तक की कमी पायी जाती है. ऐसे में, फसल के उत्पादन व रंग पर असर पड़ता है. किसानों को ठंड से फसल को बचाने के लिए सल्फर इस्तेमाल की सलाह दी गयी.

Also Read: Bihar: घर की छत पर उगाएं आम-अमरूद समेत कई प्रकार की सब्जियां, जानें फ्रूट गार्डेनिंग का नया तरीका
नैनो यूरिया में खरपतवारनाशी दवा मिलाकर करें स्प्रे

यह दलहन, गेहूं व तेलहन की फसल के लिए काफी फायदेमंद है. आलू को ठंड से बचाव करने के लिए मैंकोजेब का इस्तेमाल कर सकते हैं. पौधे अगर सिकुड़ने जैसा दिखे, तो पौधों की जड़ में कार्बेंडाजीम व मैंकोजेब दवा का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. जिन पौधों में वायरल बीमारी हो जाए उसे उखाड़ कर गाड़ देने की जरूरत है. अन्यथा, अन्य पौधों को भी प्रभावित करेगा. मीनापुर के किसानों ने बकरियों में अंधेपन व गर्भपात होने की शिकायत की. इस पर पशुपालन विशेषज्ञ डॉ रंजन कुमार ने कहा कि पशुपालकों को इस ठंड के मौसम में रखरखाव सही से करने की जरूरत है. ठंड के मौसम में कई बीमारियों का प्रकोप हो सकता है. किसान इसके लिए पशुओं के चार माह उम्र होने पर टीका लगाएं. अभी जो बीमारियां हो रही है, इसके लिए जांच की जरूरत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें