मुजफ्फरपुर. मई-जून महीने में होने वाला नगर निकाय का चुनाव अंतिम रूप से टल गया है. अब जब तक नवगठित व विस्तारीत नगर निकाय में वार्डों के गठन से लेकर परिसीमन तक की कार्रवाई पूरी नहीं होगी. चुनाव की अधिसूचना नहीं जारी हो सकती है. ऐसे में जून के प्रथम सप्ताह में पूर्ण हो रहे नगर सरकार की कार्यकाल खत्म होने के बाद अगले छह माह के लिए बागडोर जिला प्रशासन के हाथ में चली जायेगी. जिस तरीके से अभी जिले के तीनों नवगठित नगर परिषद (साहेबगंज, कांटी व मोतीपुर) के प्रशासक एडीएम हैं. ठीक उसी तरह नगर निगम के प्रशासक जिलाधिकारी होंगे.
दूसरी तरफ, राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर एक पत्र जिलाधिकारी व प्रमंडलीय आयुक्त को भेजा है, जिसमें फिलहाल सूबे के 79 नगर निकायों में वार्डों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए दो जून तक जिला गजट में प्रकाशित वार्डों की सूची व नक्शा सौंपने का आदेश दिया है. इस बीच जिला प्रशासन को 28 अप्रैल को गठित वार्डों का प्रारूप प्रकाशित करना होगा. फिर 28 अप्रैल से 11 मई के बीच नवगठित नगर निकाय में अगर वार्डों के गठन पर किसी भी व्यक्ति को कोई आपत्ति है, उसे दर्ज करते हुए निराकरण करने का आदेश दिया गया है.
दिसंबर के आखिरी व जनवरी के प्रथम सप्ताह में मुजफ्फरपुर शहर के विस्तारीकरण का जो फैसला राज्य कैबिनेट से लिया गया है. इसका फाइनल नोटिफिकेशन अभी नगर विकास एवं आवास विभाग के स्तर से होना बाकी है. फाइनल नोटिफिकेशन से पूर्व जो दावा-आपत्ति का निराकरण करना था. स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन की टीम ने इसे करते हुए रिपोर्ट सरकार को भेज चुकी है.
जानकार बताते हैं कि जब तक फाइनल नोटिफिकेशन नहीं होगा, तब तक वार्डों के गठन से लेकर परिसीमन तक की कार्रवाई नहीं हो सकती है. मुजफ्फरपुर के साथ-साथ दरभंगा, बिहारशरीफ सहित कई अन्य नगर निगम के क्षेत्र का भी विस्तार हुआ है. सभी का फाइनल नोटिफिकेशन अभी नहीं हुआ है. ऐसे में इसमें अभी कुछ वक्त लग सकता है. जितना विलंब फाइनल नोटिफिकेशन में होगा. उतना ही देर से चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होगा. जानकार बताते हैं कि चुनाव अगस्त, सितंबर के बाद ही संभव है.
शहर विस्तारीकरण का फाइनल नोटिफिकेशन होने के बाद मुजफ्फरपुर नगर निगम का रकवा व चौहद्दी बढ़ जायेगा. 16 पंचायत के 52 गांव शहरी क्षेत्र में शामिल होंगे, जिसका बसावट शहरी क्षेत्र की तरह हो चुका है. लेकिन, गांव का दर्जा प्राप्त है. वहीं रकवा भी काफी बढ़ जायेगा. एसकेएमसीएच व इसके आसपास के पांच गांव को संशोधित प्रस्ताव के जरिये शामिल करने के बाद रकवा काफी बड़ा हो जायेगा. राजधानी पटना की तरह जनसंख्या तो नहीं बढ़ेगी, लेकिन क्षेत्रफल के अनुसार अगर वार्डों का गठन होता है, तब मुजफ्फरपुर नगर निगम में वार्डों की संख्या 49 से बढ़कर 74-76 हो सकती है.