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मुजफ्फरपुर में AES का कहर: एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती दो बच्चों में एइएस की पुष्टि

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में इलाज के लिए पहुंचे दो बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. इसके अलावा एइएस के संदिग्ध दो बच्चे भर्ती हुए हैं. जिन बच्चों में एइएस पुष्टि हुई है, उनमें एक बच्चा मोतिहारी के रामगढ़वा का, दूसरी बच्ची रुन्नीसैदपुर की है

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में इलाज के लिए पहुंचे दो बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. इसके अलावा एइएस के संदिग्ध दो बच्चे भर्ती हुए हैं. जिन बच्चों में एइएस पुष्टि हुई है, उनमें मोतिहारी के रामगढ़वा का छह साल का जामिन कुमार और रुन्नीसैदपुर की छह साल की बच्ची महजबीन बतायी शामिल है.

पीड़ित बच्चों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गयी

उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गयी थी. मोतिहारी के रामगढ़वा के जामिन कुमार की रिपोर्ट 7 अप्रैल को आयी है, जिसमें हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि की गयी है. वहीं रुन्नीसैदपुर की महजबीन की रिपोर्ट में भी हाइपोग्लाइसीमिया बतायी गयी है. दोनों बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

अबतक इस बीमारी के शिकार हुए सात बच्चे और तीन बच्चियां

इस साल अबतक इस बीमारी के शिकार हुए बच्चों में सात बच्चे और तीन बच्चियां बतायी गयी हैं. इनमें से एक बच्चे की इस साल जनवरी में इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. पीड़ित बच्चों में चार केस मुजफ्फरपुर के, तीन मोतिहारी के और दो सीतामढ़ी के और एक केस अररिया का है. इनमें से सीतामढ़ी के बच्चे की मौत इलाज के दौरान जनवरी में हुई थी. सात बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.

एइएस प्रोटोकॉल के तहत इलाज

इस साल जिले का पहला केस एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में नगर थाना के सरैयागंज के मुकेश साह का ढाई वर्षीय पुत्र अविनाश कुमार में पुष्टि हुई है. अविनाश की रिपोर्ट एसकेएमसीएच प्रशासन ने मुख्यालय भेजी है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि बच्चे को पीकू वार्ड में भर्ती कर एइएस के प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है.

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एइएस प्रभावित जिले के पांच प्रखंडों में अलर्ट

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने एइएस का केस शुरू होने के बाद जिले के एइएस प्रभावित पांच प्रखंडों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है. कहा कि इन पांच प्रखंडों से ही अधिकतर बच्चे पीड़ित होकर एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन प्रखंडों में डॉक्टरों की टीम कैंप करे और जागरूकता फैलाये. जो बच्चे एइएस से पीड़ित हुए हैं, उसका हाल जानने के लिए उसके घर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजे जाये.

घरों में जागरूकता अभियान

टीम उस बच्चे के माता-पिता को जानकारी देगी कि वे अपने बच्चों का बचाव कैसे करें. साथ ही उसके आसपास के घरों में जागरूकता अभियान चलायी जाये. प्रधान सचिव ने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि वे उन प्रखंडों में टीम भेज कर जागरूकता फैलाएं, जहां के बच्चे सबसे अधिक एइएस बीमारी से ग्रसित हुए हैं.

एइएस से प्रभावित प्रखंड पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर

एइएस से प्रभावित प्रखंड मीनापुर व मुशहरी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम इस बार विशेष नजर रखेगी. इन प्रखंडों में सबसे अधिक बच्चे एइएस से ग्रसित हुए हैं. इन दोनों प्रखंडों में आशा, एएनएम व मेडिकल टीम कैंप कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलायेगी. इसके साथ ही पंपलेट और जिन बच्चों को जेई का टीका नहीं दिया गया है, उन्हें टीका भी दिलायेगी.

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