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मुजफ्फरपुर के डॉक्टर के बेटे के अपहरण की साजिश रची गई थी एक महीने पहले, लोन चुकाने के लिए किया था किडनैप

रवि से जब पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि उसके ऊपर बैंक का डेढ़ लाख से अधिक का लोन हो गया था. इसके अलावे और कई और लोगों से भी कर्ज ले चुका था. उसी को चुकाने के लिए उसने डॉक्टर के पुत्र की अपहरण की साजिश रची थी.

मुजफ्फरपुर. कांटी के होम्योपैथिक डॉक्टर सुरेश प्रसाद सिंह के इकलौते पुत्र विवेक कुमार (26) की अपहरण की साजिश उनके रेंटर आदित्य कुमार उर्फ रवि ने रची थी. रवि ने भोजपुर जिला में साथ पढ़ने वाले आपराधिक प्रवृति के अमृत सत्यम के साथ मिलकर एक माह पहले ही पूरा प्लान तैयार कर लिया था. प्लानिंग तैयार होने के बाद अमृत सत्यम कांटी आकर डॉक्टर के घर की तीन- चार बार रेकी भी की थी. बार – बार अमृत के आने पर डॉक्टर ने सवाल किया तो रवि ने अमृत को अपना रिश्तेदार बताया था. रवि से जब पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि उसके ऊपर बैंक का डेढ़ लाख से अधिक का लोन हो गया था. इसके अलावे और कई और लोगों से भी कर्ज ले चुका था. उसी को चुकाने के लिए उसने डॉक्टर के पुत्र की अपहरण की साजिश रची थी. उसका कहना था कि डॉक्टर का पुत्र मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है, उसको अपहरण करके दूसरे जगह रखने में कोई परेशानी नहीं होगी. प्लानिंग तैयार होने के बाद अमृत ने ही अपने अपराधी दोस्तों के साथ मिलकर इस कांड को अंजाम दिया था.

फलदान की पार्टी देने के बहाने बुलाया

रेंटर रवि ने शुक्रवार की सुबह अपने दोस्त अमृत सत्यम से मोबाइल पर बातचीत की थी. इस दौरान बताया था कि शाम चार बजे कांटी बाजार के एक रेस्टोरेंट में फलदान होने के उपलक्ष्य में पार्टी का आयोजन किया है. उसने ऐसे लोगों को बुलाया है जिनकी उम्र डॉक्टर के पुत्र विवेक कुमार से कम है. रवि के बताये अनुसार अमृत शाम चार बजे अपराधियों के साथ कांटी चौक पर पहुंच गया था.

अपहरण के लिए भाड़े पर लिया था स्कॉर्पियो

अमृत सत्यम ने डॉक्टर के पुत्र विवेक का अपहरण करने के लिए भोजपुर में ही एक स्कॉर्पियो को भाड़े पर लिया था. इस दौरान स्कॉर्पियो के चालक राधेश्याम कुमार को तीन हजार रुपये देने की बात कही थी. स्कॉर्पियो अमृत, चंदन के अलावे दो और अपराधी बैठे थे.

टोल प्लाजा के सीसीटीवी में दिखा स्कॉर्पियो

डॉक्टर के पुत्र की बरामदगी को लेकर जब जिला पुलिस की टीम ने खोजबीन शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान घटनास्थल पर पुलिस को एक सफेद रंग का स्कॉर्पियो मिला. जो डॉक्टर के पुत्र के पीछे- पीछे धीमी गति से चल रहा था.अगले फुटेज में एक अपराधी गेट खोला और डॉक्टर के पुत्र को गाड़ी के अंदर खींचते हुए दिखा. हालांकि, कैमरा का रेजुलेशन साफ नहीं होने के कारण गाड़ी का नंबर चिन्हित नहीं हो सका. इसके बाद जिले से निकलने वाली सभी टोल प्लाजा को अलर्ट कराया गया. इस बीच पोखरैरा टोल प्लाजा के पास सीसीटीवी से स्कॉर्पियो को चिन्हित कर लिया गया.

रिटायर्ड सैनिक का है स्कॉर्पियो

स्कॉर्पियो के नंबर का पता चलते ही तुरंत डीआइयू प्रभारी ने डीटीओ को बताया. पांच मिनट के अंदर में डीटीओ ने गाड़ी का पूरा डिटेल पुलिस को बता दिया. इसके आधार पर जिला पुलिस की विशेष टीम ने शुक्रवार की रात आठ बजे अपहरण में प्रयुक्त स्कॉर्पियो को खोज निकाली. स्कॉर्पियो के मालिक जो खुद को रिटायर्ड सैनिक बता रहा है, उसको पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की.उसने बताया कि उसका चालक राधेश्याम कुमार भाड़े पर चलाने के लिए ले गया था. इसके आधार पर पुलिस चालक राधेश्याम को गिरफ्तार कर ली. तब उसने पूरी कहानी बतायी. इधर, पुलिस का कहना है कि अपराधियों ने टोल प्लाजा से आगे निकलने के बाद सारण जिले में घुसते ही मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था. जिला पुलिस का कहना है कि जिन- जिन कंपनी का मोबाइल नंबर का डिटेल टेलिकॉम कंपनी से मांगा गया. उनके द्वारा भी भरपूर सहयोग किया गया. इस वजह से पुलिस टीम बरामदगी में काफी मदद मिली.

डॉक्टर की पत्नी को आया फोन, तुम्हारे बच्चे को छोड़ रहे हैं, मेरे बच्चे को छोड़ दीजिए

जब पुलिस ने अपहरण में शामिल चालक को गिरफ्तार कर लिया तो अपहर्ताओं को अहसास हुआ कि अब उन लोगों की गिरफ्तारी हो जाएगी. इस बीच पुलिस ने रेंटर को भी गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद डॉक्टर सुरेश प्रसाद सिंह की पत्नी सरिता कुमारी के मोबाइल पर एक नंबर से कॉल आया और कॉल करने वाले ने कहा कि नादानी में ऐसा कदम उठा लिया है. हम आपके बच्चे को छोड़ रहे हैं, आप भी हमारे बच्चे को छोड़ दीजिए. तुरंत उन्होंने एसएसपी को इसकी सूचना दी.एसएसपी ने बताया कि जब पुलिस अपहर्ता तक पहुंच गयी थी. तब डॉक्टर की पत्नी के मोबाइल पर ऐसा कॉल आया.

पुलिस को थी डॉक्टर के पुत्र की तबीयत बिगड़ने की चिंता

डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस को सबसे अधिक डॉक्टर के पुत्र विवेक कुमार की तबीयत बिगड़ने की चिंता थी. क्योंकि वह शारीरिक रूप से बीमार चल रहा था और लड़का काफी सीधा- साधा है. पुलिस को आशंका थी कि कहीं अपहर्ताओं के द्वारा टॉर्चर करने से विवेक की तबीयत ज्यादा खराब न हो जाए. लेकिन, अपराधियों के द्वारा उसे टॉर्चर नहीं किया गया. सिर्फ नशे की सूई दिया गया था.

डॉक्टर ने जिला पुलिस को दिया धन्यवाद

डॉक्टर सुरेश प्रसाद सिंह ने घर का इकलौता चिराग विवेक कुमार को जिला पुलिस के द्वारा सकुशल बरामदगी करने पर उनको बधाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके सामाज- गांव के लोगों में काफी खुशी है. अगर जिला पुलिस इसी तरह से तत्पर रहेगी तो समाज में अपराध करने वाले पर लगाम पूरी तरह से लगाया जा सकता है.

टीम में यह लोग थे शामिल

डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद, कांटी थानेदार संजय कुमार सिंह, डीआइयू प्रभारी मो. सुजाउद्दीन, दारोगा उमांकांत सिंह, प्रमोद कुमार राय, डीआइयू के जमादार ज्योति सिंह,सिपाही आनंद कुमार, रामबाबू, अक्षतय कुमार, धर्मजीत कुमार , मुकेश कुमार, सरोज कुमार , आशीष कुमार, राजगीर कुमार सहनी और सोनू कुमार.

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