मुजफ्फरपुर जिले में अब जल्द ही गिरफ्तार होने वाले अपराधियों का फिंगर प्रिंट लिया जायेगा. उसके रेटीना को स्कैन की जायेगी. मुख्यालय के निर्देश पर जिला स्तर पर माप संग्रह इकाई की स्थापना (एमसीयू) की स्थापना की जायेगी. अगस्त माह से यह जांच शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है. मुजफ्फरपुर समेत सूबे के सभी जिलों में पुलिसिंग को मजबूत व हाइटेक करने के लिए एनएफआइएस व चक्रा एप पर अपराधियों का पूरा ब्योरा अपलोड होगा. राज्य के किसी भी कोने से ऐप पर एक क्लिक करते ही अपराधियों की पूरी कुंडली खुल जायेगी. फिंगर प्रिंट व रेटीना स्कैन करने के लिए एमसीयू सेंटर में मशीन लगाया जायेगा. साथ ही इसको ऑपरेट करने के लिए जवानों को ट्रेनिंग की जायेगी.
इसके अलावे एक्सपर्ट की भी पोस्टिंग की जायेगी. जानकारी हो कि पिछले माह डीजीपी आरएस भट्टी मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. उन्होंने तिरहुत रेंज के आइजी व मुजफ्फरपुर एसएसपी समेत रेंज के सभी वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक किया था. इस दौरान पुलिस पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग पर जोर देने के साथ- साथ अपराधियों पर शराब माफियाओं पर लगाम लगाने को लेकर निर्देश दिया था. विलेज क्राइम डायरेक्टरी, थाना स्तर पर टॉप टेन अपराधियों की सूची तैयार करने के साथ- साथ पुलिसिंग को हाइटेक करने पर भी जोर दिया गया था. अपराधियों की हुलिया के साथ उसकी पूरी कुंडली का डिजिटल डाटा कलेक्शन करने की बात कही गयी थी. इसके अलावे पुलिस मुख्यालय से भी डीजीपी ने चक्रा व एनएफआइएस एप पर अपराधियों की पूरी जानकारी अपलोड करने को कहा गया था.
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इस दिशा में कार्रवाई भी जारी है. पुलिस के वरीय पदाधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में इस प्रणाली को नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएफआइएस) के साथ जोड़ने की योजना है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर के अपराधियों का समुचित डेटाबेस तैयार करने के लिए इस एप की शुरुआत की है. दिल्ली और मध्य प्रदेश में इस मामले में काम किया जा रहा है. एनएफआइएस को को आगे सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) से भी जोड़ा जा सकता है.
एनएफआइएस में जिस अपराधी का फिंगर प्रिंट व रेटिना को स्कैन करके अपलोड किया जायेगा. उसे 10 अंकों का एक यूनिक कोड दिया जायेगा. इसमें प्रथम दो अंक संबंधित राज्य का कोड होगा. शेष दो अंक थाना का कोड होगा. इसके बाद संबंधित अपराधी या अभियुक्त का नंबर होगा. इसकी मदद से संबंधित अपराधी के फिंगर प्रिंट को कहीं से भी ट्रैक करके उसका पूरा विवरण देखा जा सकता है. इस प्रणाली को ई- एफएसएल से भी जोड़ा जायेगा.