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बिहार: मुजफ्फरपुर में गैंगवार को लेकर खुफिया विभाग ने 6 महीने पहले किया था अलर्ट, सच हुआ साबित

मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही को गोलियों से भून दिया गया. बाइक पर सवार होकर आए दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की और गार्ड समेत प्रॉपर्टी डीलर को मौत के घाट उतार दिया. 2018 में मुजफ्फरपुर नगर निगम के प्रथम मेयर को गोलियों से भूना गया था.

Ashutosh Shahi Murder: मुजफ्फरपुर के चर्चित कारोबारी प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही समेत पांच लोगों को अपराधियों ने शुक्रवार की रात को गोलियों से भून डाना. इसमें आशुतोष शाही व उनके निजी गार्ड की मौत हो गयी जबकि अन्य लोग जख्मी हैं. दो बाइक पर सवार होकर आए चार हथियारबंद अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया. 2018 के बाद शहर में यह इस तरह की पहली घटना है. वहीं खुफिया विभाग ने पुलिस प्रशासन को 6 महीने पहले ही अलर्ट किया था कि प्रॉपर्टी के विवाद में गैंगवार की आशंका है.

करीब 30 राउंड गोली चली..

नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा लकड़ीढाही रोड में मारवाड़ी हाई स्कूल के पास जब आशुतोष शाही अपने तीन निजी गार्ड के साथ एक अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन के आवास पर थे तो दो बाइक पर सवार होकर चार अपराधी वहां आ धमके. जबतक कोई कुछ समझ पाता, अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी. करीब 25 से 30 राउंड गोली दागी गयी. जिससे प्रॉपर्टी डीलर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. जबकि एक गार्ड की भी मौत हो चुकी है. कुल 5 लोगों को गोली लगी है.

5 साल बाद शहर में हुई बड़ी वारदात

2018 में पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या एके-47 से की गयी थी. करीब पांच साल के बाद एक बार फिर से मुजफ्फरपुर में बड़ी वारदात हुई. अपराधियों ने दुस्साहस दिखाया. पुलिस की खौफ और पेट्रोलिंग को चुनौती दी. दो बाइक सवार पांच से अधिक बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया, जिसमें पांच लोगों को गोलियों से एक साथ भुना दिया गया और आसानी से फरार हो गये. पुलिस हाथ मलती रह गयी. हालांकि, अब इस हत्याकांड के उद्भेदन के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ को लगा दिया.

Also Read: मुजफ्फरपुर में अपराधियों ने अधिवक्ता के कमरे में घुसकर प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही को मारी गोली, दो की मौत
खुफिया विभाग ने 6 महीने पहले किया था अलर्ट

बता दें कि अगस्त 2022 में मिठनपुरा के एक जमीन कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में कुछ लोगों को नामजद किया था. इस बीच पुलिस की खुफिया विभाग के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी मुजफ्फरपुर जमीन कारोबार को लेकर गैंगवार होने की आशंका जतायी थी. साथ ही पुलिस मुख्यालय के अलावा जिला पुलिस को भी इससे अवगत कराया था. खुफिया अलर्ट में एजेंसियों में कहा था कि मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबार को लेकर त्रिकोणीय संघर्ष की आशंका है. जिले में आने वाले दिनों में गैंगवार हो सकता है, जिसके बाद मिठनपुरा और नगर थाने की पुलिस को अलर्ट किया गया था.

बेखौफ होकर गोलीबारी की गयी..

अपराधी पिस्टल से फायरिंग करते हुए कमरे में घुसे. इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. करीब 10 मिनट तक गोलीबारी चलती रही. आशुतोष शाही को भून दिया गया. आशुतोष शाही पर दो से तीन मैगजीन खाली कर दिया गया. एक बदमाश फायरिंग कर रहा था तो दूसरा उसमें मैगजीन लोड कर रहा था. वहीं घटना के बाद जब अपराधी भागने लगे तो स्थानीय युवकों ने विरोध करना शुरू किया. जिसके बाद अपराधियों ने उनको भी गोली मारने की धमकी दी. अपराधी एक गार्ड की रिवॉल्वर भी लूटकर ले गये. बता दें कि अंदर ताबड़तोड़ गोलीबारी चल रही थी और आस-पास के लोग घर के अंदर ही कैद होकर खिड़कियों से झांक रहे थे.

मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर की हुई थी हत्या

गौरतलब है कि वर्ष 2018 के बाद यह सबसे बड़ी वारदात है. मालूम हो कि पूर्व मेयर समीर कुमार की भी हत्या नगर थाना क्षेत्र में ही हुई थी. यह हत्या भी नगर थाना क्षेत्र में ही हुआ है. तकरीबन दोनों के घटनास्थल का फासला भी 50 मीटर बताया गया है. मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार हत्याकांड के बाद मिठनपुरा इलाके के बड़े जमीन कारोबारी आशुतोष शाही सुर्खियों में आये थे. समीर कुमार हत्याकांड में चार्जशीटेड भी थे. बीते विधानसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था. लेकिन, नामांकन पर्चा गलत होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे.

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