मुजफ्फरपुर: जिले में अच्छी बारिश की उम्मीद कम है. वहीं मॉनसून की बेरुखी के कारण एक बार फिर हीटवेव की ओर पारा बढ़ने लगा है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. वहीं, मौसम के रुठने के कारण जिले में धान की खेती बेपटरी हो गयी है. कृषि कार्यालय के आंकड़े के अनुसार, जिले में अब तक मात्र 15 प्रतिशत ही रोपनी हुई है. जबकि, आसपास के जिलों में करीब चार गुना अधिक रोपनी हो चुकी है. मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, बीते 24 घंटे में तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. गुरुवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान 25.3 डिग्री रहा. मॉनसूनी हवा व बारिश होने के बाद पिछले चार दिनों में मौसम का मिजाज फिर बदल गया है. किसान व आम लोग बारिश के लिए टकटकी लगाये हैं.
06 जुलाई – 34.4 डिग्री
05 जुलाई – 31.5 डिग्री
04 जुलाई – 32.2 डिग्री
03 जुलाई – 32.3 डिग्री
02 जुलाई – 29.8 डिग्री
01 जुलाई – 28.3 डिग्री
Also Read: श्रावणी महोत्सव: गरीबनाथ न्यास आज करेगा रूट का निर्धारण, 13 संगठनों के 1800 स्वयंसेवी करेंगे कांवरियों की सेवा
मौसम के रुठने के कारण जिले में धान की खेती बेपटरी हो गयी है. कृषि कार्यालय के आंकड़े के अनुसार, जिले में अब तक मात्र 15 प्रतिशत ही रोपनी हुई है. जबकि, आसपास के जिलों में करीब चार गुना अधिक रोपनी हो चुकी है. बीते दिनों दो दिनों की बारिश से खेतों में नमी जरूर आ गयी, लेकिन रोपनी के लिए खेतों में पानी नहीं है. ऐसे में नर्सरी तैयार होने के बाद भी किसान हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. जिनके पास सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, वैसे किसानों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. सकरा के किसान उमेश कुमार ने बताया कि पैसे खर्च कर पंप से सिंचाई के बाद उनका बीज तैयार है. लेकिन अचानक से मॉनसून के थम जाने से रोपनी नहीं कर सके हैं. बारिश के इंतजार में टकटकी लगाये हैं. दूसरी ओर इलाके में जुलाई के अंत तक धान रोपनी होती है. ऐसे में उम्मीद बनी हुई है.
इधर, कृषि विभाग ने लक्ष्य पूरा करने के लिए तैयारी तेज कर दी है. जानकारी के अनुसार जिले में करीब 90 प्रतिशत बीज लगाने का काम पूरा हो चुका है. इस बार जिले में 1.43 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य है. कृषि विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, बीज लगने में 15 से 20 दिन लगेंगे. 15 से 20 जुलाई के आसपास अच्छी बारिश होने से राहत मिलेगी. गुरुवार को 145 क्विंटल बीज का वितरण किया गया.