बिहार के जूरन छपरा स्थित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने वाली एक महिला की गुरुवार को मौत हो गयी. महिला बंदरा प्रखंड के रामपुरदयाल गांव निवासी मो. अनवर अली की 58 वर्षीया पत्नी रुबैदा खातून बतायी गयी है. इस अस्पताल में ऑपरेशन कराने वाले 65 लोगों में से अब तक 16 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. शुक्रवार को 10 और लोगों की आंखें निकाली जायेंगी. हॉस्पिटल की लापरवाही सामने आने के बाद गुरुवार को अस्पताल के सचिव, डॉक्टरों समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी.
उधर, राज्य सरकार ने सभी पीड़ित लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर कराने की घोषणा की है. इधर जांच टीम ने कहा है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की चूक से मरीजों में संक्रमण हुआ है़ ऑपरेशन के बाद जान गंवाने वाली रुबैदा के बेटे अकबर अली ने बताया कि 25 नवंबर को आई हास्पिटल में उसकी मां का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था. वहां से घर आने के दो दिनों के बाद 27 नवंबर को आंख में दर्द होने लगा.
एसकेएमसीएच में भर्ती हैं 22 मरीज
आइहॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को और 10 मरीजों की आंखें निकाली जायेंगी. इनमें से चार मरीजों को बुधवार को ही एसकेएमसीएच के स्पेशल वार्ड में भर्ती किया गया था, जबकि गुरुवार को छह लोगों को भर्ती कराया गया. इन मरीजों की जांच दिन भर डॉक्टरों की टीम करती रही. अंत में निणर्य लिया गया कि शुक्रवार को इनकी आंखों का ऑपरेशन किया जायेगा.
पीड़ितों का सरकारी खर्च पर इलाज होगा. जरूरत पड़ने पर उन्हें राज्य से बाहर भी भेजा जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की गुरुवार को समीक्षा के बाद यह निणर्य लिया. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि फिलहाल पीड़ितों का इलाज पटना के आइजीआइएमएस में कराया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सिमित के कायर्पालक निदेशक संजय कुमार सिंह के साथ ही विभाग के दूसरे आलाधिकारियों के साथ मुजफ्फरपुर आंख कांड की समीक्षा की.
Posted by: Radheshyam Kushwaha