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बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं मुंह के कैंसर के मरीज, एक साल के अंदर मुजफ्फरपुर में मिले सबसे ज्यादा मामले

मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य समिति की संयुक्त पहल से पिछले वर्ष नवंबर से लेकर इस वर्ष सितंबर तक आठ लाख 82 हजार 926 संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी. इसमें मुंह, ब्रेस्ट और गर्भाशय सहित अन्य तरह के कैंसर के 1080 मरीज मिले.

Cancer Awareness Day : बिहार में मुंह के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका खुलासा एसकेएमसीएच (श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) के परिसर में स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की ओर से लोगों की स्क्रीनिंग और प्राथमिक जांच से हुआ है. पिछले एक साल में सूबे में मुंह के कैंसर के 429 मरीज मिले हैं. इनमें मुजफ्फरपुर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. यहां 21 नये और 15 पुराने मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है. यह संख्या सूबे के अन्य जिलों में मिले मरीजों में सर्वाधिक है.

कैंप में जांच करा रहे लोग

कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की पहल से लोगों में जागरूकता आयी है और वे कैंसर के प्राथमिक लक्षणाें को समझ कर अस्पताल या कैंसर अस्पताल की ओर से जगह-जगह लगने वाले कैंप में अपनी जांच करा रहे हैं.

इलाज के क्रम में एक वर्ष में 157 मरीजों की मौत

होमी भाभा कैंसर अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य समिति की संयुक्त पहल से पिछले वर्ष नवंबर से लेकर इस वर्ष सितंबर तक आठ लाख 82 हजार 926 संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी. इसमें मुंह, ब्रेस्ट और गर्भाशय सहित अन्य तरह के कैंसर के 1080 मरीज मिले. कैंसर अस्पताल की ओर से सूबे के विभिन्न जिलों में मुंह के कैंसर की जांच के लिए 6,33,126, ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए 2,28,885 और गर्भाशय कैंसर की जांच के लिए 20,915 कैंप आयोजित किये गये. कैंसर के इलाज के क्रम में एक वर्ष में 157 मरीजों की मौत हो चुकी है.

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मरीजों को घर पर इलाज की सुविधा

कैंसर के अंतिम चरण में बीमारी से जूझ रहे मरीजों को उनके घर पर इलाज की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए राज्य के सभी अस्पतालों के डॉक्टर को इलाज के लिए प्रशिक्षित किया गया है. जिस जिले में कैंसर के मरीज हैं, वहां के अस्पताल से ही उनकी देख रेख की सुविधा मिल रही है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने सूबे के 29,908 हेल्थ कर्मियों को प्रशिक्षित किया है. डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ मरीजों के घर पर जाकर उन्हें देखते हैं और जरूरी दवा मुहैया कराते हैं. होमी भाभा कैंसर अस्पताल में एक साल के अंदर 226 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है. यहां मरीजों को कीमोथेरापी की सुविधा उपलब्ध है. यहां 200 कैंसर मरीजों के लिए अलग से वार्ड भी बन रहा है. साथ ही यहां कैंसर पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए अलग से बेड बनाया गया है, जहां 18 बच्चे भर्ती हैं

अगले वर्ष से 200 बेड का वार्ड होगा शुरू

होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने बताया कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल में अगले वर्ष से 200 बेड का वार्ड शुरू हो जायेगा. साथ ही मरीजों को रेडियोथेरापी की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए काम चल रहा है. इस सुविधा के बाद से बिहार के अलावा नेपाल के मरीजों को भी इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

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कैंसर की स्क्रीनिंग व इलाज में होने वाला खर्च

  • मुंह के कैंसर की पहचान के लिए स्क्रीनिंग – 6,33,126

  • ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए स्क्रीनिंग – 2,28,885

  • गर्भाशय कैंसर की पहचान के लिए स्क्रीनिंग – 20,915

  • मुंह के कैंसर नये मरीज – 429

  • ब्रेस्ट कैंसर के नये मरीज – 182

  • गर्भाशय कैंसर के नये मरीज – 148

  • इलाजरत मरीज – 9600

  • कीमोथेरापी की सुविधा – 24, 500

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