बिहार: मुजफ्फरपुर में लीची के फलन की स्थिति इस बार पूरी तरह से प्रभावित हो गयी है. दूसरी ओर आम की स्थिति अन्य वर्षों की तुलना में बेहतर है. लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि बागों के निरीक्षण और किसानों से मिले फीडबैक के अनुसार, दशकों बाद इस बार लीची में मंजर नहीं आये. इस कारण इस वर्ष 40 से 50 हजार टन ही लीची उत्पादन का अनुमान है. बीते वर्षों में एक लाख टन लीची का उत्पादन होता था. सीधे तौर पर कहें तो इस साल लीची का पैदावार बाकी साल के मुकाबले आधे से भी कम रहने का अनुमान है.
दूसरी ओर, चाइना लीची पूरी तरह से प्रभावित है. इस बार किसान मात्र 20 प्रतिशत ही चाइना लीची का उत्पादन मान कर चल रहे हैं. शाही लीची का उत्पादन करीब 80 प्रतिशत होने का अनुमान है. 20 मई से शाही लीची बाजार में उपलब्ध होने लगेगी. वहीं 1 जून के आसपास चाइना लीची के बाजार में आने का समय है. उत्पादन कम होने के कारण इस बार सैकड़ा पर लीची का रेट बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है. हालांकि आम और लीची के लिए फिलहाल मौसम अनुकूल है.
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आम के किसानों का कहना है कि इस साल आम के पेड़ों में काफी मंजर हैं. इसे देख कर अंदाजा लगाया जा रहा है कि आंधी से फल बच गये, तो इस बार आम की बंपर पैदावार होगी. सहायक निदेशक उद्यान मो. तारीक असलम ने बताया कि आम में फलन की स्थिति बेहतर है. बेहतर उत्पादन की उम्मीद है. लीची को सफेद कीट से बचाने और आम में दहिया कीट को लेकर किसानों को अलर्ट किया गया है. 25 मई के बाद कई किस्मों के आम पकने लगेंगे.
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