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बिहार के इन शिक्षकों की जाएगी नौकरी, सर्टिफिकेट के नाम पर जमा किए थे फर्जी दस्तावेज

मुजफ्फरपुर नगर क्षेत्र में कार्यरत चार शिक्षकों की नौकरी जाने वाली है. जांच के दौरान इन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये. इनमें से दो फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

मुजफ्फरपुर नगर क्षेत्र में कार्यरत चार शिक्षकों की नौकरी जाने वाली है. जांच के दौरान इन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये. इनमें से दो फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जबकि शेष दो शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी का मामला नगर व मिठनपुरा थाने के बीच फंसा हुआ है. जिला शिक्षा विभाग ने राधा स्वामी मध्य विद्यालय चित्रगुप्तपुरी की शिक्षिका बबीता कुमारी के खिलाफ काजी मोहम्मदपुर थाने और प्राथमिक विद्यालय अतरदह दासटोला की शिक्षिका संगीता कुमारी के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज कराया है.

41 शिक्षकों का वेतन पूर्व में किया गया था बंद

बताया जा रहा है कि नगर क्षेत्र के 41 शिक्षकों का वेतन पूर्व में बंद किया गया था. इसमें से एक शिक्षक ने प्रमंडलीय आयुक्त को ज्ञापन देकर शिकायत की थी कि उनके जैसे और भी शिक्षक सेवा में हैं, लेकिन केवल उनका ही वेतन विभाग से रोका गया है. इसके आधार पर प्रमंडलीय आयुक्त ने डीपीओ स्थापना को जांच करते हुए मामले में कार्रवाई का आदेश दिया था. जब जांच हुई तो चार शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. जिसके बाद विभाग की ओर से संबंधित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया तो किसी ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. जिसके बाद विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है.

2012 में इंटर पास, 2011 में टीइटी

एफआइआर के लिए दिये गये आवेदन के अनुसार संगीता कुमारी के टीइटी अंकपत्र में जाति कैटेगरी एससी और टीइटी प्रवेश पत्र में जाति कैटेगरी इबीसी है. इंटर का रिजल्ट 11 जून 2012 दिखाया गया है, जबकि 20 दिसंबर 2011 को टीइटी के प्रथम पत्र और 21 दिसंबर 2011 को टीइटी के द्वितीय पत्र की परीक्षा में सम्मिलित दिखाया गया है. इस संबंध में विभाग ने कहा है कि जब शिक्षिका स्नातक उत्तीर्ण नहीं है, तो वह कैसे टीइटी के द्वितीय पत्र की परीक्षा में सम्मिलित हुई. शिक्षिका के टीइटी प्रमाण पत्र को पहली नजर में फर्जी और किसी अन्य व्यक्ति के मूल प्रति का नकल बताया गया है.

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एक सर्टिफिकेट में तीन जाति

वहीं बबीता कुमारी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों में टीइटी के अंकपत्र में जाति एससी और प्रवेश पत्र में जाति को एससीएफ और बीसीएफ अंकित किया गया है. विभाग ने कहा है कि एक ही व्यक्ति के समान प्रमाण पत्र में तीन प्रकार की जाति का उल्लेख करना सर्टिफिकेट को फर्जी प्रमाणित करता है.

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विभाग की ओर से सर्टिफिकेट की जांच की जा रही

बताया जा रहा है कि आने वाले समय में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे और शिक्षकों पर प्राथमिकी करायी जायेगी. विभाग की ओर से सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. डीपीओ स्थापना डॉ प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने बताया कि जांच में फर्जी प्रमाण पत्र पाये जाने पर दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. दो अन्य पर भी प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया है.

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