मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ड्रीम परियोजना का जायजा लेने नालंदा के घोड़ा कटोरा पहुंचें. जहां उनके सामने ही परियोजना का ट्रायल किया गया. इस दौरान जैसे ही गंगा जल नवनिर्मित जलाशय में पहुंचा तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर सी दौड़ पड़ी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं घोड़ा कटोरा जल संचय केंद्र का भी जायजा लिया.
इस परियोजना के तहत जल संचयन के लिए कुल 350 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है. पूरे परियोजना पर 2600 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है. साल 2019 में इस परियोजना की शुरुआत की गयी थी. इस योजना के तहत बरसात के मौसम में 4 महीने तक पानी स्टोर किया जाएगा. जिसके बाद उसे प्यूरीफाई कर घरों व अन्य जगहों पर सप्लाई किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के इस दौरे पर देश के तमाम मिडिया सहित सभी राजनीतिक व्यक्तियों की निगाहें टिकी हुई थी की शायद सीएम नालंदा पहुंच कर कोई नई राजनीतिक भूचाल लायेंगे. अब तक सीएम नीतीश कुमार का यही इतिहास रहा है की जब जब बिहार राजनितिक करवट लेता है उसके पहले सीएम नालंदा में होते हैं. पर यह सारी शंका और आशंका धरी की धरी रह गई जब नीतीश कुमार ने केवल गंगा उद्वह योजना के बारे में ही बयान दिया.
सीएम ने कहा इस योजना से नालंदा, नवादा और गया जिले के लोगों को भरपूर लाभ मिलेगा. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां देते रहें. हालांकि मीडिया ने जब सवाल किया की राज्यसभा किसे भेज रहें हैं तो मुख्यमंत्री ने चुप्पी साध ली और गाड़ी में बैठकर चलते बने.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह स्वभाव रहा है की वह अपने पत्ते जल्दी नहीं खोलते है. इसी कारण से सभी की निगाह नीतीश कुमार के अगले कदम पर टिकी हुई है. कहा जाता है की नीतीश कुमार जब भी राजनीतिक चिंतन करते हैं. तो देश की राजनीति एक नई दिशा की तरफ करवट लेती है. वहीं जदयू नेताओं की अगर बात करें तो कुल मिलाकर आरसीपी गुट के कोई भी नेता इस कार्यक्रम में नजर नहीं आए.
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दरअसल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार गंगा उद्वह योजना का कार्य अंतिम चरण में है. इसका 11 मई को ड्राई रन और 15 मई को ट्रायल किया गया था जो की सफल रहा. जिसके बाद अधिकारियों व कर्मियों का उत्साह चरम पर है. मोकामा से गिरियक के घोड़ाकटोरा में बना जलाशय में गंगाजल पहुंच चुका है. अब राजगीर, गया, बोधगया और नवादा के घरों में गंगाजल पहुँचना बाकी है.