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शिवम को सुरक्षित निकाला गया, नालंदा में आठ घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन सफल

डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा है. बच्चे को बचा लिया गया है. एनडीआरएफ की टीम ने पूरे ऑपरेशन को सही और समय अनुरूप चलाया. डीएम ने कहा कि इस काम के लिए वो पूरी तरह प्रशिक्षित हैं और कई मशीनों की इसमें मदद ली गयी है.

नालंदा. 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 4 साल के शिवम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. लाखों लोगों की दुआ काम कर गयी. करीब 8 घंटे तक लगातार चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को दो पाइप के सहारे बाहर निकाला गया है. शिवम रोता हुआ बाहर आया है. अभी वो होश में है. रेस्क्यू के बाद उसे एम्बुलेंस से पावापुरी हॉस्पिटल ले जाया गया है. वहां डॉक्टरों की टीम उसकी जांच कर रही है. डॉक्टरों ने शिवम के संबंध में बताया है कि वो खतरे से बाहर है. इस पूरे मामले में डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा है. बच्चे को बचा लिया गया है. एनडीआरएफ की टीम ने पूरे ऑपरेशन को सही और समय अनुरूप चलाया. उन्होंने मीडिया को भी धन्यवाद दिया. डीएम ने कहा कि इस काम के लिए एनडीआरएफ ही टीम पूरी तरह प्रशिक्षित हैं और कई मशीनों की इसमें मदद ली गयी है. स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की भूमिका को सराहा और कहा कि शिवम को दूसरी जिंदगी मिली है. बेसुध हो चुकी शिवम की मां को भी बच्चे के साथ अस्पताल भेजा गया है.

सुबह करीब 9.30 बजे बोरवेल में गिरा था

घटना के संबंध में बताया जाता है कि नालंदा में सुबह 9 बजे से बोरवेल में फंसे चार वर्षीय शिवम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. बताया जाता है कि मासूम शिवम खेलते खेलते सुबह करीब 9 बजे बोरवेल में जा गिरा था. जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों में कोहराम मच गया था. जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. इसके लिए चार जेसीबी मशीनें लगायी गयी थी. रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता मिली और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

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खेलने के दौरान बोरवेल में जा गिरा था

स्थानीय लोगों का कहना है कि नालंदा थाना क्षेत्र के कुल गांव के रहने वाले डोमन मांझी का चार साल का बेटा शिवम कुमार खेलने के दौरान बोरवेल में जा गिरा था. बच्चे की मां खेत में काम करने के लिए गई थी, चार साल का शिवम भी उसके साथ मौजूद था. शिवम की मां खेत में काम कर रही थी, इसी दौरान खेलते खेलते वह खेत में बने बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा. इसके बाद मौके पर चीख पुकार मच गई थी. ग्रामीणों द्वारा घटना की जानकारी दिए जाने के बाद जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी. इसके साथ ही सीथ पटना से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम नालंदा पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.

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बोरवेल के ठीक बगल में गड्ढा खोदा गया

बोरवेल के अंदर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है और बोरवेल के ठीक बगल में गड्ढा खोदा गया. इस दौरान वहां मौजूद लोग शिवम की सलामती के दुआ मांग रहे थे. पटना से पहुंची एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद शिवम को बोरवेल से जिंदा निकाल लिया और उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. बच्चे के सही सलामत बोरवेल से बाहर आने के बाद उसके परिजनों के साथ साथ रेस्क्यू में लगे लोगों ने राहत की सांस ली.

मौके पर मेडिकल टीम भी मौजूद रही

मौके पर जिला आपदा शाखा प्रभारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी आदि कैम्प कर अपनी देख-रेख में बचाव कार्य कराये. मौके पर मेडिकल टीम भी मौजूद रही. मेडिकल टीम ऑक्सीजन सुविधा के साथ स्थल पर रही. बोरवेल में बच्चे को पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन दिया जाता रहा. नगर पंचायत नालंदा के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि ने बताया है कि यहां के किसान ने बोरिंग के लिए यह बोरवेल बनाया था. हालांकि, यहां बोरिंग नहीं लग पाया. इसके बाद वह दूसरे जगह बोरिंग लगाने में जुट गए. संयोग से इस दौरान इस बोरबेल को बंद नहीं किया गया. इसके कारण ही आज यह बड़ा हादसा हुआ है और चार साल का मासूम खेलने के दौरान बोरिंग में गिर गया है.

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