नयी दिल्ली : बीफ पर लगायी गयी रोक के मद्देनजर देश भर के कई हिस्सों में चिकन की मांग बढ़ने लगी है. इसके फलस्वरूप चिकन की कीमतों में 25 से 30 प्रतिशत तक और खपत में 35 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है.
बीफ पर लगे प्रतिबंध को लेकर उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा किये गये विश्लेषण में यह जानकारी मिली है. एसोचैम के आर्थिक शोध ब्यूरो के विश्लेषण के मुताबिक, साल 2014 के मई से लेकर साल 2017 के मार्च तक पोल्ट्री थोक मूल्य सूचकांक में 22 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी, जबकि बीफ (गौमांस और भैंस के मांस) की कीमतें तीन प्रतिशत तक घटी हैं.
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हालांकि पोल्ट्री मीट, ज्यादातर चिकन का उत्पादन 10-12 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रहा है, वहीं पिछले कुछ सालों से इनका उपभोग 15-18 प्रतिशत दर से बढ़ा है.
एसोचैम के एक प्रवक्ताकेमुताबिक, बीफ बैन और इससे संबंधित अन्य विवाद आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और अन्य महत्वपूर्ण इलाकों के पोल्ट्री सेक्टर के लिए निश्चित रूप से फायदा देने वाला रहा है.
इस विश्लेषण के मुताबिक, ज्यादातर उपभोक्ताओं ने कहा कि गर्मी के दिनों में आमतौर पर चिकन की मांग और कीमतों में गिरावट होती है, लेकिन इस साल बीफ पर लगे प्रतिबंध की वजह से ऐसा नहीं हुआ है.