भारत में बने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनेगी हमारी सेना, 20,000 करोड़ रुपये की होगी बचत
नयी दिल्लीः भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट बना लिये हैं. अच्छी खबर यह है कि भारत सरकार ने इसके निर्माण को मंजूरी भी दे दी है. स्वदेशी बुलेटप्रूफ के इस्तेमाल से भारत सरकार को कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. रक्षा मंत्रालय से पहले ही मंजूरी पा चुके इस जैकेट का […]
नयी दिल्लीः भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट बना लिये हैं. अच्छी खबर यह है कि भारत सरकार ने इसके निर्माण को मंजूरी भी दे दी है. स्वदेशी बुलेटप्रूफ के इस्तेमाल से भारत सरकार को कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.
रक्षा मंत्रालय से पहले ही मंजूरी पा चुके इस जैकेट का निर्माण अत्याधुनिक थर्मोप्लास्टिक तकनीक से हुआ है, जिसकी वजह से यह बेहद हल्के हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति मिलते ही इसे ‘मेक इन इंडिया’ से जोड़ दिया जायेगा.
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इसका फायदा यह होगा कि इस वक्त 1.5 लाख रुपये में मिलनेवाले जैकेट सेना को 50 हजार रुपये में मिलने लगेंगे. यानी एक जैकेट पर एक लाख रुपये की बचत होगी. वर्तमान में भारत सरकार अमेरिका से बुलेटप्रूफ जैकेट का आयात करता है.
कोयंबटूर स्थित अमृता यूनिवर्सिटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रममुख प्रो शांतनु भौमिक द्वारा निर्मित इस जैकेट में 20 लेयर हैं. जैकेट में इस्तमाल होनेवाले कार्बन फाइबर इसे पहननेवाले को 57 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान झेलने की क्षमता प्रदान करते हैं.
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आजादी के 70 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब हमारी सेना स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट पहनेगी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीअो) और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त उद्यम से यह संभव हो सकता है.