नगालैंड के मोन में मुठभेड़, तीन उग्रवादी ढेर, जवान शहीद

दीमापुरः नगालैंड में बुधवार तड़के उल्फा और एनएससीएन (के) उग्रवादियों के साथ मोन जिले में सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गयी. इसमें सेना के जवानों ने तीन उग्रवादियों को मार गिराया. मुठभेड़ में सेना का एकजवान शहीद हो गया. उग्रवादियों के साथ हुई गोलीबारी में एक आम नागरिक के भी मारे जाने की खबर है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 8:48 AM

दीमापुरः नगालैंड में बुधवार तड़के उल्फा और एनएससीएन (के) उग्रवादियों के साथ मोन जिले में सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गयी. इसमें सेना के जवानों ने तीन उग्रवादियों को मार गिराया. मुठभेड़ में सेना का एकजवान शहीद हो गया. उग्रवादियों के साथ हुई गोलीबारी में एक आम नागरिक के भी मारे जाने की खबर है.

नगालैंड के मोन जिले के निकट स्थित लापा लेमपोंग और ओटिंग में हुई मुठभेड़ के बारे में पूरी सूचना अब तक नहीं मिली है.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि धार्मिक अतिवाद आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है. यदि इसे समय पर नहीं रोका गया, तो यह आतंकवाद का रूप ले लेगा. पूर्वोत्तर के ममुख्यमंत्रियों और पुलिस प्रमुखों की बैठक में पूर्वोत्तर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दौरान गृह मंत्री ने यह टिप्पणी की थी.

पूर्वोत्तर के लोगों पर हमलों के मद्देनजर मणिपुर में ‘कर्फ्यू’ का आह्वान

बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा अधिकारियों को हथियार तस्करों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ने के आदेश दिये थे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में हुई इस बैठक में गृह मंत्री ने कहा था कि आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ जायें, इससे पहले ही उसका नाश करना जरूरी है.

हाल ही में गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा बलों पर हुए हमलों से संबंधित एक आंकड़ा जारी किया था. इसमें कहा गया था कि एनडीए के शासनकाल में सुरक्षा बलों पर हमले की घटनाअों में कमी आयी है. आंकड़ों में कहा गया था कि वर्ष 2016 में सिर्फ 484 ऐसी घटनाएं सामने आयीं, जबकि कांग्रेस शासन के दौरान सुरक्षा बलों पर वर्ष 2013 में 732 और वर्ष 2012 में 1,025 हमले हुए थे.

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