17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चुनाव जीतने के लिए सैकड़ों करोड़ खर्च करती है सरकार, किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं करती, शिव सेना का मोदी सरकार से सवाल

मुंबई : शिव सेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसने ‘नोटबंदी का चाबुक’ चला कर कर्ज में डूबे किसानों को गहरी निराशा में धकेल दिया. उनके खेतों को बरबाद हो जाने दिया. ऐसे समय में जब उद्योग जगत और सेवा क्षेत्र को विकास के लिए एक के बाद एक प्रोत्साहन […]

मुंबई : शिव सेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसने ‘नोटबंदी का चाबुक’ चला कर कर्ज में डूबे किसानों को गहरी निराशा में धकेल दिया. उनके खेतों को बरबाद हो जाने दिया.

ऐसे समय में जब उद्योग जगत और सेवा क्षेत्र को विकास के लिए एक के बाद एक प्रोत्साहन मिल रहे हैं, कृषि क्षेत्र के प्रति सरकार की बेपरवाही पर शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में सवाल उठाया.

शिवसेना का भाजपा पर बड़ा हमला, गोवा की सरकार को बताया ‘अल्पायु’

शिव सेना ने कहा, ‘कई साल बाद, पिछले साल का माॅनसून किसानों के लिए उम्मीदें लेकर आया था और भारी फसल उत्पादन हुआ था. लेकिन, नोटबंदी के चाबुक ने उन्हें अपनी फसलों को मिट्टी के मोल बेचने पर विवश कर दिया. उन्हें अपना लगाया धन भी नहीं मिल पाया.’

शिवसेना ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के वादे के साथ सत्ता में आयी थी, लेकिन आज वह इस क्षेत्र को कर लगा देने के नाम पर डराती रहती है.

शिवसेना का BJP पर हमला जारी, शनिवार तक का दिया समय

संपादकीय में कहा गया, ‘पंचायत से लेकर नगर निगमों तक के चुनाव जीत लेना आसान है. यदि आपके पास पैसा है, तो आप चांद पर हो रहा चुनाव भी जीत सकते हैं. इसका यह मतलब नहीं है कि जनता आपकी नौकर है. किसानों की भावनाओं को समझने के लिए जरूरी है कि यह समझ लिया जाये कि वे महज वोटबैंक नहीं हैं.’

संपादकीय में कहा गया कि हम यह जानना चाहते हैं कि जब भाजपा चुनाव में ‘सैकड़ों करोड़’ रुपये खर्च सकती है, तो फिर वह कर्जमाफी में हिचकिचा क्यों रही है? शिवसेना ने कहा, ‘यदि मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह केवल असली किसान नेताओं से ही बात करेंगे, तो सरकार की ओर से असली किसानों को ही असल किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए. लेकिन, क्या आपकी सरकार में एक भी असली किसान है?’

महाराष्ट्र सरकार का भविष्य अनिश्चित, समर्थन अस्थायी : शिवसेना

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि सरकार सिर्फ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से ही बात करेगी, अन्य से नहीं. सरकार उन लोगों के साथ बात नहीं करेगी, जो किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

शिव सेना ने कहा कि जो लोग हड़ताल के दौरान खेती की उपज को बरबाद किये जाने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह जवाब भी देना चाहिए कि जब किसान हड़ताल नहीं कर रहे थे, तब क्या कोई बरबादी नहीं हो रही थी?

शिवसेना ने केंद्र से कहा- समान नागरिक संहिता और राम मंदिर पर भी अध्यादेश लाओ

शिव सेना ने सवाल उठाया, ‘कच्चे तेल की कीमतें अपने निचले स्तर पर आ गयीं, लेकिन क्या महंगाई कम हुई? पिछले साल अच्छे माॅनसून के चलते भारी पैदावार हुई, लेकिन क्या सब्जियों की कीमतें कम हुईं? तीन साल बीत गये, लेकिन क्या ‘अच्छे दिनों’ के वादे पूरे किये गये?’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें