इंदौर : सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद दिमागी रूप से मृत घोषित राशन दुकान संचालक के अंगदान से छह जरूरतमंद मरीजों को नयी जिंदगी मिलने की राह बुधवार को यहां आसान हो गयी. अंगदान को बढ़ावा देनेवाले गैर सरकारी संगठन ‘मुस्कान’ के कार्यकर्ता संदीपन आर्य ने बताया, ‘नजदीकी धार जिले में राशन की सरकारी दुकान चलाने वाले सुमित जैन (35) तीन जून को सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती थे. डॉक्टरों ने उनकी हालत पर सतत निगरानी के बाद उन्हें मंगलवार को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया.’उन्होंने बताया कि जैन के परिवारवालों को प्रेरित किया गया, तो वे शोक में डूबे होने के बावजूद अपने दिवंगत स्वजन के अंगदान के लिए राजी हो गये.
आर्य ने बताया, ‘जैन के मृत शरीर से निकाले गये दिल, लीवर, दोनों किडनी, दोनों आंखों और त्वचा से छह जरूरतमंद मरीजों को नयी जिंदगी मिलेगी.’ उन्होंने बताया कि जैन के दिल को विमान से मुंबई भेज कर एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया, जबकि लीवर और दोनों किडनियों का इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में तीन रोगियों के शरीरों में प्रत्यारोपण किया गया. उनकी आंखों और त्चचा को दो अलग-अलग संस्थाओं ने प्रत्यारोपण के लिए हासिल कर सुरक्षित रख लिया है. आर्य ने बताया कि इंदौर में पिछले 19 महीने में दिमागी रूप से मृत 19 मरीजों का अंगदान हो चुका है. इन अंगों के प्रत्यारोपण से इंदौर के साथ दिल्ली और मुंबई में करीब 110 जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिला है.