नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगा, जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने और परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) आवंटन के लिए ‘आधार’ को अनिवार्य बनाया गया है.
न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने चार मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इन याचिकाओं में आयकर अधिनियम की धारा 139 एए को चुनौती दी गई थी, जिसे इस साल के बजट और वित्त अधिनियम, 2017 के जरिये लागू किया गया था.
सावधान! अगर आधार कार्ड से नहीं जुड़ा है आपका पैन कार्ड, तो दिसंबर तक हो जायेगा अवैध
आयकर अधिनियम की धारा 139 एए या आधार आवेदन पत्र की इनरोलमेंट आइडी को बताना आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन के आवंटन के लिए आवेदन करने को इस साल एक जुलाई से अनिवार्य बनाती है.
सरकार के कदम का विरोध करते हुए भाकपा नेता बिनॉय विश्वम समेत याचिकाकर्ताओं ने पीठ के समक्ष दावा किया है कि केंद्र शीर्ष अदालत के वर्ष 2015 के उस आदेश का ‘महत्व नहीं घटा’ सकता, जिसमें ‘आधार’ को स्वैच्छिक बताया गया था.