सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने निचली अदालतों में नीट जैसी परीक्षा से नियुक्ति का दिया प्रस्ताव
नयी दिल्लीः केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति को लेकर एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें कहा गया है कि निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाआें के जरिये किया जाये. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन […]
नयी दिल्लीः केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति को लेकर एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें कहा गया है कि निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाआें के जरिये किया जाये. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का भाजपा शासित कुछ राज्यों समेत कई प्रदेश विरोध कर रहे हैं. अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का विचार 60 साल पुराना है. देश की निचली अदालतों में 31 दिसंबर, 2015 को जारी आंकड़ों के अनुसार 4452 न्यायाधीशों के पद रिक्त थे. इन अदालतों में न्यायाधीशों—न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 20,502 है और वास्तविक संख्या 16,050 है.
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कानून मंत्रालय में सचिव (न्याय) ने सुप्रीम कोर्ट के सेके्रटरी जनरल को लिखे पत्र में कहा है कि मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों पर प्रवेश के लिहाज से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) कराने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसर्इ) द्वारा अपनाये जाने वाले मॉडल का अनुसरण करने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है.
केंद्र सरकार की आेर से सुप्रीम कोर्ट को दिये गये पत्र के मुताबिक, नीट द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्रिया के अनुसार प्रवेश परीक्षा कराने, परिणाम घोषित करने और अखिल भारतीय वरीयता सूची तैयार कराने की जिम्मेदारी सीबीएसई की है. मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को कई मॉडल भी सुक्षाये हैं, ताकि निचली अदालतों में खाली पदों को तेजी से भरा जा सके.
विधि मंत्रालय ने नीट मॉडल के अलावा उम्मीदवारों के चयन के लिए एक भर्ती इकाई द्वारा केंद्रीयकत परीक्षा कराने का भी प्रस्ताव रखा है. उसने कहा है कि यह परीक्षा सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो सकता है. मंत्रालय ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिहाज से परीक्षा आयोजित करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सचिव (न्याय) ने यह सुक्षाव भी दिया है कि निचली अदालतों में जजों की भर्ती के लिए इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग एंड पर्सनल सलेक्शन (आर्इबीपीएस) द्वारा अपनाये जाने वाले कुछ तरीकों पर भी विचार किया जा सकता है.