कर्ज माफी के दायरे से अमीर किसानों को रखा जाएगा बाहर ?

मुंबई : महाराष्ट में कर्ज माफी के दायरे से अमीर किसानों को बाहर रखा जा सकता है. इस संबंध में महाराष्ट के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित कर्ज माफी के दायरे से अमीर किसानों को बाहर रखे जाने की संभावना है, लेकिन यह योजना किसानों के पास मौजूद जमीन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2017 7:24 AM

मुंबई : महाराष्ट में कर्ज माफी के दायरे से अमीर किसानों को बाहर रखा जा सकता है. इस संबंध में महाराष्ट के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित कर्ज माफी के दायरे से अमीर किसानों को बाहर रखे जाने की संभावना है, लेकिन यह योजना किसानों के पास मौजूद जमीन के आकार से जुडी नहीं होगी. मंत्री ने कहा कि कर्ज माफी के लिये जमीन के मालिकाना हक को नहीं जोडने का मतलब है कि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा. सरकार योजना के कार्यान्वयन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी। इसकी घोषणा समूचे राज्य में किसानों के आंदोलन के मद्देनजर कल की गयी थी.

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राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि समिति का इसलिए गठन किया जा रहा है क्योंकि पिछले कर्ज माफी पैकेज (2007-08) से कई अमीर किसानों को फायदा हुआ था. पाटिल ने कहा कि किसान नेताओं के साथ रविवार को बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था और उन्होंने भी मांग की थी कि पहले जरुरतमंद किसानों को लाभ मिलना चाहिए और सरकार इस मांग पर सहमत हो गई थी. समिति इस योजना के दायरे से अमीर किसानों को बाहर रखने जा रही है. बहरहाल महाराष्ट के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी कहा कि किसानों को उचित तौर पर ऋण माफ किया जाना बाकी है.

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उन्होंने कहा, कर्जमाफी के मानदंड को लेकर समिति के किसी फैसले पर पहुंचने के बाद ही ऋण माफी की मात्रा का पता चल पायेगा. यह समिति फैसला करेगी कि कर्ज माफी केवल उन्हीं किसानों की जाये जिनकी आजीविका सिर्फ खेती पर आधारित है और कर्जमाफी पैकेज के दायरे से धनी किसानों को दूर रखा जाये या नहीं.

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