वाईसीपी को जीत दिलाने आंध्रप्रदेश पहुंचे प्रशांत किशोर, टीडीपी से निबटने के लिए बना रहे रणनीति
हैदराबाद : वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो वाईएस जगन मोहन रेड्डी अपने 15 दिवसीय विदेशी दौरे से लौटने के बाद से वर्ष 2019 में होनेवाले आम चुनाव की तैयारी में लग गये हैं. इसके लिए वह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सहायता भी ले रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा की […]
हैदराबाद : वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो वाईएस जगन मोहन रेड्डी अपने 15 दिवसीय विदेशी दौरे से लौटने के बाद से वर्ष 2019 में होनेवाले आम चुनाव की तैयारी में लग गये हैं. इसके लिए वह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सहायता भी ले रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. प्रशांत किशोर ने राजधानी में वाईसीपी के एजेंडों को दरकिनार करते हुए कहा है कि लोगों से निकटता बहाल करें. परिणामस्वरूप, पार्टी कार्यालय और जगन के रहने के लिए भी स्थान की तलाश शुरू कर दी गयी है. पार्टी कार्यालय का स्थान लीज पर लिया जायेगा, जो अंडवल्ली, तड़ेपल्ली, विजयवाड़ा के आसपास का होगा.
प्रशांत किशोर ने पहला कदम उठाते हुए क्षेत्र का सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है. साथ ही छह से आठ दर्जन लोगों को तैनात कर निर्वाचन क्षेत्रों का अध्ययन करने, स्थानीय लोगों के सामने आनेवाली समस्याओं और मुद्दों का पता लगाने को कहा है. जगन मोहन रेड्डी ने जब से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का गठन किया है, वह हमेशा से राज्य में जनहित के मुद्दों को लेकर लोगों को संबोधित करते रहे हैं. उनकी पार्टी राज्य की व्यापक समस्याओं पर कभी भी ध्यान नहीं दिया.
वाईसीपी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसके करीब 20 नेता पार्टी छोड़ कर तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गये हैं. इस समस्या से निबटने के लिए टीडीपी में शामिल हुए विधायकों की पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और उनके द्वारा लिये गये फैसले के कारणों पर भी रिसर्च जारी है. इसके अलावा, नेताओं द्वारा लिये गये फैसले के खिलाफ जनमत संग्रह कराने का भी विचार किया जा रहा है. साथ ही अगले चुनाव के संभावित प्रत्याशियों के चयन का अध्ययन भी शुरू कर दिया गया है.
ऐसा माना जा रहा है कि इसके लिए जगन मोहन भी सरकार में शामिल वरिष्ठ नेताओं में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिये हैं. टीडीपी के शासन को देखते हुए वह आगे की रणनीति पर काम कर रहे है. ऐसा भी संभव है कि पार्टी राज्यस्तरीय मुद्दों को लेकर आंदोलन करे. इसके लिए न सिर्फ विपक्ष, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का भी मूल्यांकन किया जा है. आम तौर पर विधायक अवैध गतिविधियों को उजागर करने, समितियों में भ्रष्टाचार, कॉल मनी, सेक्स रैकेट और राजनीतिक हत्याओं पर विशेष ध्यान देते हैं. वहीं, वाईसीपी स्थानीय नेताओं द्वारा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, रोजगार, शिक्षा और समुदायों का मूल्यांकन कर रही है. आंध्रप्रदेश में चुनावी रणनीतिकार के मास्टर कहे जानेवाले प्रशांत किशोर के जादू के साथ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी राजनीतिक परिदृश्य में हलचल पैदा करने की कवायद में जुटी है.