नयी दिल्लीः जानवरों की बिक्री को लेकर अभी हाल ही में जारी की गयी अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. इसके साथ ही, अदालत ने सरकार के इस अधिसूचना पर किसी भी प्रकार का स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में जब तक केंद्र सरकार की आेर से किसी प्रकार का कोर्इ जवाब नहीं दे दिया जाता, स्थगन के मामले में कार्रवार्इ नहीं की जा सकती. इस मामले में अब अगली सुनवार्इ 11 जुलार्इ को की जायेगी.
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गौरतलब है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए 26 मई को नियमों में संशोधन किया था, जिसमें पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक सुनिश्चित की गयी. कत्ल करने के लिए जिन जानवरों की बाजारों में खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा और ऊंट शामिल हैं.संशोधन की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही मंत्रालय ने कहा कि कत्ल करने के उद्देश्य से जानवरों को किसानों के फॉर्म से सीधी खरीदारी की जा सकती है. पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाजार का विनियमन) नियम-2017 की अधिसूचना जारी करने के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य पशु बाजार को विनियमित करना और पशुओं को क्रूरता से बचाना है.