नयी दिल्ली : राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए भाजपा की एक समिति ने शुक्रवार को कांग्रेस तथा वाम दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की तथा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ विचार-विमर्श किया, लेकिन समिति द्वारा किसी उम्मीदवार का नाम नहीं लिये जाने पर विपक्ष ने इस कवायद पर सवाल उठाया. समिति के दो सदस्यों केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह तथा एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ ही आडवाणी तथा मुरली मनोहर जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात की.
सूत्रों ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने आडवाणी को सूचित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा पार्टीअध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर पैनल ने अन्य नेताओं के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन किसी संभावित उम्मीदवार का जिक्र नहीं किया गया. किसी नाम का प्रस्ताव नहीं करने पर भाजपा की आलोचना करते हुए येचुरी ने कहा कि राष्टपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ भाजपा की बैठकें ेेमहज प्रचारेे है. उन्होंने एक बार फिर अपनी पार्टी का रुख दोहराया कि मजबूत धर्मनिरपेक्ष साख वाला व्यक्ति ही अगला राष्टपति होना चाहिए.
मंत्रियों के सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा नेताओं ने कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया और कांग्रेस नेताओं से अपने विकल्प के बारे में बताने को कहा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि भाजपा नेता राष्ट्रपति पद के लिए एक-दो नाम के साथ आयेंगे ताकि कांग्रेस उस पर कोई फैसला कर सके. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. समिति के तीसरे सदस्य अरुण जेटली अभी देश से बाहर हैं. सूत्रों ने कहा कि सिंह और नायडू ने विपक्षी नेताओं से कहा कि मोदी के 24 जून को विदेश रवाना होने से पहले पार्टी उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देना चाहेगी. भाजपा प्रधानमंत्री के रवाना होने के दो तीन दिन पहले अपने उम्मीदवार को अंतिम रूप दे सकती है.
भाजपा नेताओं ने सबसे पहले सुबह सोनिया गांधी से उनके निवास 10, जनपथ पर उनसे मुलाकात की. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद मौजूद थे. दोनों मंत्रियों ने येचुरी एवं अन्य वाम नेताओं के साथ मुलाकात में भी किसी उम्मीदवार के नाम का जिक्र नहीं किया. माकपा मुख्यालय में करीब 30 मिनट तक चली बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि 17 जुलाई को होने वाले राष्टपति चुनाव के लिए सरकार की ओर से अपना उम्मीदवार तय करने को लेकर चल रहा विचार-विमर्श पूरा होने तक विपक्षी पाटर्यिां इंतजार करेंगी. येचुरी ने कहा, उन्होंने हमें बताया कि वे हमारा समर्थन चाहते हैं. हमने कहा ठीक है, हमें समर्थन का आधार बतायें, उम्मीदवार कौन है. लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया. कहा, इसमें कुछ वक्त लेंगे. येचुरी ने कहा कि आम राय कायम करने के लिए नाम सुझाने की जिम्मेदारी सरकार की है. नायडू ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से फोन पर बात की तथा अन्नाद्रमुक नेता थंबीदुरै से मुलाकात की. मंत्री ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव तथा बसपा नेता सतीश मिश्रा से भी मुलाकात की और सतीश मिश्रा ने अपनी नेता मायावती से उनकी फोन पर बात करायी.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नामांकन दाखिल करने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए तैयार है. उसने अलग अलग सेटों में नाम प्रस्तावित करने वालों तथा समर्थन करने वालों के नामों की पहचान कर ली है. सिंह तथा नायडू से मुलाकात करने के बाद भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि विपक्ष से संपर्क करने के सरकार के कदम की उन्होंने सराहना की लेकिन जोर दिया कि उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष छवि का होना चाहिये और उसकी लोकतांत्रिक विश्वसनीयता होनी चाहिए.