नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की. राष्ट्रपति ने उन्हें दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया. इधर राष्ट्रपति चुनाव से ऐन पहले हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को हवा दी है.
हालांकि संघ ने दोनों की भेंट को पूर्व निर्धारित शिष्टाचार भेंट बताया और इसके कोई निहितार्थ नहीं निकाले जाने की बात कही है. इससे पहले भी भागवत ने एक बार दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी.
गौरतलब है कि शिवसेना बार बार अगले राष्ट्रपति के लिए मोहन भागवत के नाम पर विचार करने का प्रस्ताव रख रही है लेकिन भागवत स्वयं इस तरह की संभावना को खारिज कर चुके हैं. मुखर्जी ने भी स्वयं को दूसरी बार राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर कर दिया है.
* शिवसेना अमित शाह के समक्ष राष्ट्रपति पद के लिये स्वामीनाथन के नाम की सिफारिश करेगी
शिवसेना ने कहा कि अगर भाजपा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाने के लिए तैयार नहीं होती है तो वह जाने-माने कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन के नाम की सिफारिश सर्वोच्च पद के लिए करेगी.
शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी है. वह लगातार अगले राष्ट्रपति के लिए मोहन भागवत के नाम की वकालत कर रही है. शिवसेना ने अपने रुख में बदलाव कर लिया जब आरएसएस प्रमुख ने हाल में देश का संवैधानिक प्रमुख बनने से इंकार कर दिया. 66 वर्षीय भागवत ने हाल में कहा था कि उनकी राष्ट्रपति पद में दिलचस्पी नहीं है.
शिवसेना ने इससे पहले कहा था कि देश को एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो हिंदू राष्ट्र के रुप में इसकी किस्मत पर मुहर लगा सके. उसने हाल में महाराष्ट में किसानों की हड़ताल को लेकर भाजपा की आलोचना भी की और सहयोगी दल से इससे सबक लेने को कहा. किसानों ने हाल में पूर्ण कर्ज माफी और लाभप्रद कीमतों की मांग को लेकर महाराष्ट्र में हड़ताल की थी.