तृणमूल कांग्रेस का घोषणापत्र

विनय तिवारी जनहित के सहारे वोट पाने की जुगत देश का संघीय ढांचा मजबूत करने पर बल नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता, विकास और प्रगति के नारे के साथ 2014 का चुनावी घोषणापत्र शनिवार को जारी किया. मां, माटी और मानुष के नारे के साथ 2011 में बंगाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2014 6:10 AM

विनय तिवारी

जनहित के सहारे वोट पाने की जुगत

देश का संघीय ढांचा मजबूत करने पर बल

नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता, विकास और प्रगति के नारे के साथ 2014 का चुनावी घोषणापत्र शनिवार को जारी किया. मां, माटी और मानुष के नारे के साथ 2011 में बंगाल में ‘पोरिबर्तन’ लाने के बाद पार्टी ने देश में भी भ्रष्टाचार, कुशासन से मुक्ति पर जोर दिया है. पार्टी ने युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, किसानों और अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के लिए कई घोषणाएं की हैं.

घोषणापत्र में किसानों के जबरन भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने, आदिवासियों को वनाधिकार देने, युवाओं को रोजगार देने के लिए टैलैंट बैंक बनाने, अल्पसंख्यकों के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू करने और संघीय ढांचे को मजबूत करने के साथ ही देश में एक नया मॉडल अपना कर भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा करने पर जोर दिया है. साथ ही इसमें रोजगारपरक शिक्षा मुहैया कराने के लिए विशेषज्ञ कमिटी बनाने की बात शामिल है.

तृणमूल के घोषणापत्र में राष्ट्रीय मुद्दों को भी तरजीह दी गयी है. कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी रखने की बात दोहराते हुए ममता ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने जनता का भरोसा खो दिया है. चुनावी और न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास करने की बात को शामिल किया गया है. कांग्रेस को भ्रष्टाचार वाली पार्टी और भाजपा को दंगों वाली पार्टी करार देते हुए ममता बनर्जी ने माकपा के शासन वाले राज्यों की आर्थिक बदहाली का भी जिक्र किया है.

1. देश में स्थानीय भाषाओं को तवज्जो .

2 रोजगारविहीन विकास को देखते हुए मौजूदा आर्थिक नीतियों में बदलाव हो.

3. युवाओं की बढ़ती आबादी को देखते हुए आर्थिक नीति के एजेंडे में होगा रोजगार.

4. अल्पसंख्यक वर्ग और समाज के दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जायेंगी.

5. महंगाई रोकना पार्टी की प्राथमिकता है.

6. रिटेल क्षेत्र में एफडीआइ को मंजूरी नहीं दी जायेगी. सेज के निर्माण पर रोक.

7. प्रशासनिक सुधार की गति को तेज करने का वादा, ताकि सरकार आम आदमी के प्रति जवाबदेह हो सके.

8. सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए इ-ढांचागत सुविधा के विकास का वादा.

9. भ्रष्टाचार पर रोक के लिए लोकपाल और लोकायुक्त का गठन.

10. पंचायती राज व्यवस्था को और मजबूत बनाने और संस्थानों की सुरक्षा का वादा.

11 व्यापक पैमाने पर चुनाव सुधार करना, ताकि दागियों को जनप्रतिनिधि बनने से रोका जा सके.

12- भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए स्टेट फंडिंग की व्यवस्था करना.

13- न्यायपालिका को आम लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए आयोग बनाना.

14- महिलाओं के लिए महिला अदालतों का गठन.

15- सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधा. महिलाओं के लिए हर जिला अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार करना.

16- वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा देने का वादा. तय समय सीमा में देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा सुविधा मुहैया कराना.

17- देश के चार क्षेत्रों में एम्स की स्थापना करना.

18- जनहित से जुड़े विकास के लिए तय समय सीमा में सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना.

19- मदरसों को अपनी जरूरतों के हिसाब से सशक्त बनाना.

20- देश के पिछड़े जिलों के विकास पर विशेष ध्यान देना.

21- झारखंड के विकास पर विशेष फोकस होगा, ताकि समाज के वंचित तबकों का सही विकास हो सके.

22- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा दिया जायेगा.

23- कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्र के विकास के लिए गांव और आम लोगों पर आधारित नीतियों को लागू किया जायेगा.

24- भूमि अधिग्रहण कानून को बदला जायेगा और किसानों के जबरन भूमि अधिग्रहण पर लगेगी रोक.

25- नया लैंड बैंक और लैंड यूज नीति बनेगी.

26- पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध को तवज्जो.

27- रक्षा नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा पर रहेगा जोर, हथियार खरीद की पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त नीति पर अमल होगा.

निगाहें ‘दिल्ली’ पर

।। विद्युत चक्रवर्ती ।।

राजनीतिक विश्‍लेषक

किसी भी पार्टी के घोषणापत्र से उसकी नीतियों और विचारधारा को समझा जा सकता है. पार्टियां घोषणापत्र में समाज के सभी वर्गो से लेकर आर्थिक और विदेश नीतियों पर अपने विचार को रखती हैं. तृणमूल कांग्रेस के घोषणापत्र में मां, माटी और मानुष का पूरा ख्याल रखा गया है. साथ ही अल्पसंख्यक और समाज के पिछड़े तबकों के मुद्दों को शामिल कर इस वर्ग को भी साधने की कोशिश की गयी है. किसानों, युवाओं और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को अहमियत देकर तृणमूल कांग्रेस ने इस वर्ग को साधने की कोशिश की है.

जाहिर है कि इस चुनाव में युवा मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी. इसी के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस ने शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से अपने एजेंडे में शामिल किया है. खास बात यह है कि घोषणापत्र में कई राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह देकर ममता ने केंद्र में अपनी बढ़ी भूमिका का संकेत दिया है.

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