शिवसेना ने की राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा
मुंबई : सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपने समर्थन पर बने हुए रहस्य को समाप्त करते हुए मंगलवारको कहा कि वह कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी. एक दिन पहले पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर कोविंद को दलित वोटों […]
मुंबई : सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपने समर्थन पर बने हुए रहस्य को समाप्त करते हुए मंगलवारको कहा कि वह कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी. एक दिन पहले पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर कोविंद को दलित वोटों को हासिल करने के मकसद से उम्मीदवार बनाया गया है तो शिवसेना उनका समर्थन करने में रुचि नहीं रखती.
ठाकरे ने मंगलवारको शाम बांद्रा में अपने आवास ‘मातोश्री’ में संवाददाताओं से कहा, ‘अपनी पार्टी के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद हमने राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया है. मुझे नहीं लगता कि हमारे समर्थन के बाद भाजपा के लिए उन्हें राष्ट्रपति निर्वाचित कराना कठिन होगा.’ ठाकरे ने रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘अमित शाह ने मुझसे मुलाकात की थी और अपने उम्मीदवार के लिए हमारा समर्थन मांगा था. बदले में मैंने उन्हें दो नाम सुझाये थे जिस पर उन्होंने कहा था कि भाजपा विचार करेगी.’
शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम घोषित किये जाने के बाद शाह ने एक बार फिर मुझसे बात की और बताया कि जो नाम मैंने सुझाये थे, उन पर विचार किया गया, लेकिन उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाने की भाजपा की अपनी वजहें हैं.’ शिवसेना ने पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन के नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सुझाये थे.
जब उद्धव ठाकरे से संवाददाताओं ने पूछा कि क्या विपक्ष के दलित उम्मीदवार खड़ा करने पर शिवसेना उनका समर्थन करेगी, तो उन्होंने कहा कि उनका रुख अब नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा, ‘जरूरी नहीं है कि शिवसेना हमेशा भाजपा का विरोध करेगी.’ क्या विपक्षी दलों द्वारा स्वामीनाथन का नाम घोषित किये जाने पर शिवसेना उनका समर्थन करेगी तो ठाकरे ने कहा, ‘मैंने एक हफ्ते पहले मोहन भागवत और स्वामीनाथन के नाम सामने रखे थे. अगर उन्हें मेरा समर्थन चाहिए था तो वे अब तक एक नाम घोषित कर देते. लेकिन, अब वक्त गुजर गया है और मैं अपना फैसला नहीं बदलूंगा.’