लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को यूपीए ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया है. मीरा कुमार पांच बार की सांसद रह चुकी हैं. तीन दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रियमीरा कुमार भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री और देश के बड़े दलित नेता जगजीवन राम की बेटी हैं. बतौर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के कार्यकाल की काफी तारीफ होती है. यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय संभाल चुकीं मीरा ने अंग्रेजी साहित्य में एम की डिग्री हासिल की हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई भी की हैं.
मीरा कुमार की मां इंद्राणी देवी स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी और लेखिका थीं.1973 में मीरा कुमार का चयन भारतीय विदेश सेवा के लिए हुआ. लंदन और अन्य जगहों में सेवा देने के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया. यह वो दौर था जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री हुआ करते थे और पार्टी में नये चेहरों को जगह दे रहे थे. अपने पिता जगजीवन राम और पूर्व प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वह राजनीति में आयीं. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में कई जिम्मेदारियां संभाली. आगे चलकर पार्टी की महासचिव और वर्किंग कमिटी की सदस्य बनीं. अपनी शानदार शैक्षणिक डिग्री, विदेश सेवा, दलित पृष्ठभूमि और गांधी परिवार की करीबी होने की वजह से उनका राजनीतिक करियर ग्राफ चढ़ता गया.
अंग्रेजी, हिंदी, भोजपुरी, स्पेनिश भाषा की जानकार मीरा कुमार को पहली चुनावी सफलता बिजनौर के उपचुनाव में हुई. राजीव गांधी के कहने पर वह इस सीट चुनाव लड़ीं थी.यहां उन्होंने मायावती को हराया. उसके बाद 11 वीं व 12 वीं लोकसभा चुनाव में दिल्ली के करोलबाग सीट से चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की. 14 वीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने पिताजी जगजीवन राम की सीट सासाराम से किस्मत आजमाया और फिर एक बार सांसद बनीं.