इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सेना के मुताबिक यहां की सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के मामले में फांसी की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को क्षमा याचिका भेजी है. इससे पूर्व पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव का कबूलनामा जारी किया, जिसमें वे खुद को रॉ का एजेंट बता रहे हैं. हालांकि वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है.
इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने एक बयान में दावा किया कि जाधव ने अपनी याचिका में पाकिस्तान में जासूसी, आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है और जान माल के नुकसान के लिए पछतावा जताया है.
आईएसपीआर ने कहा, ‘अपने कृत्य के लिए माफी मांगते हुए उन्होंने सेना प्रमुख से अनुरोध किया है कि अनुकंपा के आधार पर उनकी जिंदगी बख्श दें.’ बयान में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव ने पहले सेना की अपीली अदालत में गुहार लगायी थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
कानून के मुताबिक जाधव क्षमादान के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को अपील कर सकते हैं और खारिज किये जाने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सामने गुहार लगा सकते हैं. सेना ने एक ‘दूसरा इकबालिया वीडियो’ भी जारी किया है जिसमें कथित तौर पर जाधव को ‘आतंकवाद और जासूसी की गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल करते’ देखा जा सकता है.
सेना ने कहा कि उसने वीडियो जारी किया है ताकि दुनिया जान ले कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या किया है और क्या करता आ रहा है. भारत ने जाधव को सुनायी गयी फांसी की सजा के खिलाफ आठ मई को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का रुख किया था. मामले में 18 मई को हुई सुनवाई में आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने जाधव की सजा पर रोक लगा दी.