नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल किसी छात्र को अगर लगता है कि उसकी उत्तर पुस्तिका का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं हुआ है तो वह सत्यापन योजना के तहत बोर्ड से संपर्क कर सकता है. सीबीएसई ने जस्टिस मनमोहन और जस्टिस योगेश खन्ना की अवकाश पीठ के समक्ष अपनी बात रखी. पीठ ने बोर्ड की दलील को स्वीकार कर लिया तथा छात्रों को प्राधिकार से संपर्क करने को कहा. सीबीएसई की दलील पर पीठ ने याचिकाओं का निपटारा कर दिया.
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने अदालत में दलील दी कि अगर किसी छात्र को महसूस होता है कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं हुआ है तो वे सत्यापन योजना के तहत बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं. सीबीएसई की ओर से पेश एएसजी ने कहा कि हम अपनी सत्यापन योजना की सीमा के अंदर छात्रों की शिकायतों पर गौर करेंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि बोर्ड ने पुनर्मूल्याकंन को समाप्त कर दिया है, लेकिन सत्यापन नीति के तहत छात्रों के अंकों के मुद्दों पर गौर किया जायेगा.