जीटीए में पड़ी फूट, गोरखलैंड आंदोलन की निकल सकती है हवा
दार्जिलिंगः गोरखालैंड अलग राज्य मांग को लेकर संघर्षरत आंदोलनकारियों के आंदोलन की हवा निकल सकती है. इसकी सबसे अहम वजह गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में फूट पड़ना है. इसी का नतीजा है कि शुक्रवार को जीटीए के सभी निर्वाचित सदस्यों ने प्रशासनिक निकाय से इस्तीफा दे दिया. इनमें जीटीए के मुख्य कार्यकारी बिमल गुरुंग भी […]
दार्जिलिंगः गोरखालैंड अलग राज्य मांग को लेकर संघर्षरत आंदोलनकारियों के आंदोलन की हवा निकल सकती है. इसकी सबसे अहम वजह गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में फूट पड़ना है. इसी का नतीजा है कि शुक्रवार को जीटीए के सभी निर्वाचित सदस्यों ने प्रशासनिक निकाय से इस्तीफा दे दिया. इनमें जीटीए के मुख्य कार्यकारी बिमल गुरुंग भी शामिल हैं. वहीं जीजेएम ने अलग राज्य के लिए आंदोलन तेज करने का संकल्प जाहिर किया है.
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पर्वतीय इलाकों में नौ दिन से जारी अनिश्चितकालीन बंद से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सड़कों पर गोरखालैंड के समर्थन में छोटे-छोटे जुलूस निकाले जा रहे हैं, जिससे इलाके में असामान्य स्थिति पैदा हो गयी है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) से ताल्लुक रखने वाले जीटीए के निर्वाचित सदस्य आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं.
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पिछले कई दिनों से लोगों दूरी बनाने वाले जीजेएम प्रमुख गुरुंग शुक्रवार को अचानक दार्जिलिंग के पाटलेबस में मीडिया के सामने आये. यह इलाका पार्टी का मजबूत गढ़ है. मीडिया के सामने आते ही टकराव की मुद्रा में उन्होंने कहा कि गोरखालैंड के लिए आंदोलन जारी रहेगा. हम लोगों ने जीटीए से इस्तीफा दे दिया है. हमारी एकमात्र मांग गोरखालैंड है. मैं अंत तक लडूंगा.
गुरुंग ने कहा कि मैं किशनजी (माओवादी नेता) नहीं हूं, जिसे पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया जायेगा. मैंने देश के खिलाफ हथियार नहीं उठाया है. मैं गोरखा लोगों की पहचान के लिए लड़ रहा हूं और लोकतंत्र में मुझे ऐसा करने का पूरा अधिकार है.
इसी बीच कई बोर्डिंग स्कूलों से छात्रों को निकालने का काम पूरा हो गया. जीजेएम ने इसके लिए शाम छह बजे तक 12 घंटे की छूट दी थी. बोर्डिंग स्कूल ने छात्रों को सिलीगुड़ी तक भेजने के लिए बसों की व्यवस्था की थी. गुरंग ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 17 जून को पहाड़ी में गोलीबारी की, जिसमें जीजेएम के तीन कार्यकर्ता मारे गये.
उन्होंने कहा कि हमारे पास घटना की वीडियो फुटेज है. मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है और जीजेएम के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये हैं. गुरुंग और उनकी पत्नी आशा के खिलाफ 17 जून को हत्या, आगजनी, पुलिसकर्मियों पर हमला और हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था.
जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि त्यागपत्र जीटीए के प्रधान सचिव को भेजे जा रहे हैं. पार्टी ने 26 और 27 जून को जीटीए समझौते की प्रतियां जलाने का निर्णय किया है. दार्जिलिंग में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में छठे दिन इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं.