सलाहुद्दीन के पांच-पांच बेटे कश्मीर घाटी में करते हैं सरकारी नौकरी, खुद करवा रहा है आतंकवादी हमले
नयी दिल्लीः कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलानेवाले सरगना सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. कश्मीर को हिंसा की आग में झोंकनेवाले इस खूंखार आतंकवादी और देश के गद्दार के पांच-पांच बेटे जम्मू-कश्मीर (भारत में) सरकारी नौकरी करते हैं. सलाहुद्दीन के दो बेटे शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट और मेडिकल साइंसेज में कार्यरत हैं. एक […]
नयी दिल्लीः कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलानेवाले सरगना सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. कश्मीर को हिंसा की आग में झोंकनेवाले इस खूंखार आतंकवादी और देश के गद्दार के पांच-पांच बेटे जम्मू-कश्मीर (भारत में) सरकारी नौकरी करते हैं.
सलाहुद्दीन के दो बेटे शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट और मेडिकल साइंसेज में कार्यरत हैं. एक डाॅक्टर है, तो दूसरा मेडिकल सहायक. सलाहुद्दीन का सबसे बड़ा बेटा यूसुफ श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज में मेडिकल सहायक है.
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दूसरा बेटा जावेद यूसुफ शिक्षा विभाग में कम्प्यूटर आॅपरेटर है. तीसरा बेटा शाहिद यूसुफ शेर-ए-कश्मीर एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलाॅजी विश्वविद्यालय में शोध कर रहा है. चौथा बेटा वाहिद यूसुफ शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट और मेडिकल साइंसेज में डाॅक्टर है. सबसे छोटा बेटा मुईद यूसुफ कश्मीर के उद्यमिता विकास संस्थान में नौकरी कर रहा है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सलाहुद्दीन खुद डाॅक्टरी की पढ़ाई करना चाहता था. बाद में उसकी इच्छा हुई कि वह सिविल सेवा में जाये. सो उसने तैयारियां शुरू कर दी. कश्मीर विश्वविद्यालय में राजनीति पढ़ते-पढ़ते आतंकवादी संगठन जमात-ए-इसलामी के संपर्क में आ गया.
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इसके बाद वह उस अभियान का हिस्सा बन गया, जिसमें मुसलिम महिलाअों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य बताया गया था. और धीरे-धीरे डाॅक्टरी पढ़ने और सरकारी सेवा में अधिकारी बनने की इच्छा रखनेवाला मोहम्मद यूूसुफ शाह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया. उसका नाम मोहम्मद यूसुफ शाह से सैयद सलाहुद्दीन हो गया.
यूसुफ शाह उर्फ सलाहुद्दीन का जन्म कश्मीर के बडगाम जिले के सोयबाग गांव में हुआ था. उसके पिता डाक विभाग में नौकरी करते थे. यूसुफ शाह की इच्छा चुनाव लड़ने की हुई. वर्ष 1987 में श्रीनगर की अमीरा कादल सीट से यूनाइटेड फ्रंट की टिकट पर उसने चुनाव लड़ा. लेकिन, नेशनल काॅन्फ्रेंस के गुलाम मोहिद्दीन शाह ने उसे चुनाव में मात दे दी.
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हालांकि, यूसुफ शाह का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. चुनाव में वह दूूसरे स्थान पर रहा था. इसी दौरान कश्मीर हिंसा की शुरुअात हुई और 1989 में यूसुफ शाह, जो कभी डाॅक्टर, सरकारी अधिकारी या नेता बनना चाहता था, खूंखार आतंकवादी बन गया. उसने अपने ही घर यानी कश्मीर को आतंकवाद की आग में झोंक दिया.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सलाहुद्दीन अभी कश्मीर के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का सरगना है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में रहता है और वहीं से कश्मीर में आतंकवादी हमले करवाता है.