सलाउद्दीन पर अमेरिकी घोषणा से उसकी गतिविधियों व वित्त पोषण पर लगेगा लगाम : गृह सचिव
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने मंगलवारको कहा कि सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के अमेरिकी सरकार के फैसले से उस आतंकवादी की गतिविधियों और वित्त पोषण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. महर्षि ने कहा कि कश्मीरी आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सलाउद्दीन एक ‘कायर’ है जो पाकिस्तान […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने मंगलवारको कहा कि सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के अमेरिकी सरकार के फैसले से उस आतंकवादी की गतिविधियों और वित्त पोषण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. महर्षि ने कहा कि कश्मीरी आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सलाउद्दीन एक ‘कायर’ है जो पाकिस्तान ‘भाग गया.’
सीमा सुरक्षा बल आईटीबीपी के एक कार्यक्रम से इतर महर्षि ने संवाददाताओं से कहा, ‘अमेरिका ने जो किया वह सही किया है. वह (सलाउद्दीन) एक आतंकवादी है और उसे अब घोषित भी कर दिया गया है. अमेरिका की इस घोषणा से उसकी गतिविधियों और वित्त पोषण के बारे में पता चल सकता है.’ अमेरिका ने सोमवार को सलाउद्दीन को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया. भारत ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह इस बात को दिखाता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे हैं.
विदेश सचिव एस जयशंकर ने वाशिंगटन में कहा था कि यह घोषणा ‘प्रशासन की ओर से आ रहा कड़ा संदेश है कि वह सभी रूपों में आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा था, ‘हमें इसके लिए कदम उठाना चाहिए. यह तय जिम्मेदारी है जो समस्या को दर्शाती है. इससे संकेत मिल रहा है, यह एक खास संगठन और व्यक्ति पर केंद्रित है. हमारे में से कोई भी उस संदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकता.’ अमेरिका के विदेश मंत्रालय का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में होनेवाली पहली मुलाकात से कुछ घंटे पहले आया था.
सलाउद्दीन को आतंकवादी घोषित करने के बाद अमेरिकी नागरिकों का सलाउद्दीन के साथ लेन-देन करना निषिद्ध हो गया है और सलाउद्दीन की सभी संपत्ति तथा संपत्ति में उसके हित अमेरिकी न्यायाधिकार क्षेत्र के तहत अवरुद्ध हो गये हैं. इससे पहले महर्षि ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के उस अभियान दल का स्वागत किया जिसने नेपाल में 8,167 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट धौलागिरी सफलतापूर्वक फतह की. यह दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची चोटी है.
गृह सचिव ने यहां 10 मार्च को अभियान के लिए दल को हरी झंडी दिखायी थी. उन्होंने 25 सदस्यीय दल के दो जवानों हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह और कांस्टेबल बिमन बिस्वास की ‘बहादुरी’ की प्रशंसा की जिन्होंने अपने एक बीमार साथी को ‘वीरतापूर्वक बचाया’ जब वे शिखर के नजदीक थे.