।।मिथिलेश झा।।
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात के कच्छ एवं सौराष्ट्र में जून में मन मुताबिक नहीं बरसा माॅनसून. इन राज्यों में सूखे जैसे हालात हैं. 1 जून से 27 जून के बीच बिहार में सामान्य से 39 फीसदी, तो झारखंड में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई. पूर्वी उत्तर प्रदेश और कच्छ एवं सौराष्ट्र में सामान्य से क्रमशः 49 और 42 फीसदी कम बारिश हुई. वहीं, 27 जून की बात करें, तो झारखंड में सामान्य से 63 फीसदी कम और बिहार में सामान्य से 96 फीसदी कम बारिश हुई. अब तक हुई कम बारिश से किसान निराश हैं. हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में माॅनसून की अच्छी बारिश होगी और बारिश की कमी पूरी हो जायेगी.
बहरहाल, 1 से 27 जून के बीच की अवधि में झारखंड में कुल 104.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि यहां 164.6 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी. इसी तरह बिहार में 135.8 फीसदी की तुलना में सिर्फ 82.8 फीसदी बारिश हुई. पश्चिम बंगाल के सब हिमायलन क्षेत्र और सिक्किम में भी सामान्य से 21 फीसदी कम बारिश हुई. इन दोनों इलाकों में 427.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश की जगह 337.1 मिलीमीटर ही बारिश हुई.
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माॅनसून के इस सीजन में अब तक 8 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है, जबिक 12 राज्यों में सामान्य से अधिक या बहुत अधिक बारिश हुई है. ऐसे राज्यों में लक्षद्वीप, मराठवाड़ा, पंजाब, कर्नाटक के कुछ भाग, तेलंगाना, पश्चिमी राजस्थान, तटीय आंध्रप्रदेश आदि शामिल हैं.
असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केरल में सामान्य बारिश रिकाॅर्ड की गयी है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलावा ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के कुछ भागों में भी सामान्य से कम बारिश हुई है.
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब तक देश में माॅनसून सामान्य रहा है. पूरे देश की बात करें, तो अब तक 139.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो माॅनसून के सीजन में सामान्य 140.1 मिलीमीटर से 1 फीसदी कम है. 27 जून को देश भर में 8.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी, जो इस दिन की सामान्य बारिश 7.9 मिलीमीटर से 10 फीसदी अधिक है.
मौसम विभाग ने मौसम की निगरानी के लिए भारत को चार क्षेत्रों में बांटा है. इसमें पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र में इस सीजन में 309 मिलीमीटर बारिश होती है. लेकिन, इस साल अब तक 265.2 फीसदी ही बारिश हुई है, जो माॅनसून की बारिश में 14 फीसदी की कमी दर्शाता है. इसी तरह मध्य भारत में 137.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश की जगह 135.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है, जो सामान्य से एक फीसदी कम है.
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हालांकि, पश्चिमोत्तर और दक्षिण भारत क्षेत्र में माॅनसून खूब बरसा है. पश्चिमोत्तर भारत में 55.1 फीसदी की जगह 66.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो इस सीजन में होनेवाली सामान्य बारिश से 21 फीसदी अधिक है. दक्षिण भारत क्षेत्र में इस बार सामान्य 139.3 मिलीमीटर से 11 फीसदी अधिक यानी 155.3 मिलीमीटर बारिश हुई है.
देश के आठ राज्यों में कम बारिश हुई है, जिसमें चार (अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल के सब हिमालयन क्षेत्र, झारखंड और बिहार) पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में आते हैं. पश्चिमोत्तर भारत में पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे कम बारिश हुई है. यहां सामान्य से 49 फीसदी कम बारिश दर्ज की गयी है. वहीं मध्य भारत क्षेत्र में पूर्वी मध्यप्रदेश और गुजरात के कच्छ एवं सौराष्ट्र में क्रमशः सामान्य से 31 फीसदी और 42 फीसदी कम बारिश हुई है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी सामान्य से 24 फीसदी कम बारिश हुई है.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पूरे देश के 7 सबडिवीजन, जिसमें देश के कुल क्षेत्र का 22 फीसदी इलाका आता है, में 27 जून को बहुत अधिक बारिश हुई. वहीं 4 सबडिवीजन (11 फीसदी इलाका) में सामान्य से अधिक और 13 सबडिवीजन (36 फीसदी क्षेत्र) में सामान्य बारिश दर्ज की गयी. 6 सबडिवीजन, जिसके तहत देश के 16 फीसदी क्षेत्र आते हैं, में सामान्य से कम बारिश हुई, जबकि देश के 16 फीसदी क्षेत्र को कवर करनेवाले 6 सबडिवीजन में बहुत कम बारिश हुई.
कई राज्यों में भारी बारिश हुई
माॅनसून के केरल तट पर दस्तक देने के बाद कुछ राज्यों में सूखे के हालात हैं, तो कुछ क्षेत्र में भारी बारिश हुई है. पश्चिमी राजस्थान में सबसे ज्यादा सामान्य से 97 फीसदी अधिक बारिश हुई है. जम्मू एवं कश्मीर में 85 फीसदी, पंजाब में 82 फीसदी, हरियाणा और चंडीगढ़ में 76 फीसदी और लक्षद्वीप में 60 फीसदी अधिक बारिश हुई है.