गोरक्षकों की हिंसा पर बोले पीएम मोदी- कानून हाथ में लेना समस्या का समाधान नहीं

अहमदाबाद : साबरमती आश्रम शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षकों की हिंसा पर फिर एक बार चुप्पी तोड़ी और कहा कि कानून हाथ में लेना समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि ये कैसी गोरक्षा है ? गाय के नाम पर इंसान को मार देंगे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2017 1:15 PM

अहमदाबाद : साबरमती आश्रम शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षकों की हिंसा पर फिर एक बार चुप्पी तोड़ी और कहा कि कानून हाथ में लेना समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि ये कैसी गोरक्षा है ? गाय के नाम पर इंसान को मार देंगे ?

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस साल हम साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने जा रहे हैं, चंपारण सत्याग्रह के भी 100 साल पूरे हो रहे हैं. अगर हमने गांधी को विश्व की शांति के लिए मसीहा के रूप में जन-मन तक स्थिर करने में सफलता पायी होती तो यूनाइटेड नेशन का जनरल जो भी बनता तो वह सबसे पहले साबरमती आश्रम आता और विश्व शांति के लिए प्रेरणा लेकर गांधी की तपोभूमि से लेकर जाता.

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पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी से मिलने बड़ी-बड़ी हस्तियां मिलने आती थीं, लेकिन दुनिया का कोई भी व्यक्तित्व गांधी को प्रभावित नहीं कर पाया. गांधी को दुनिया की कोई हस्ती प्रभावित नहीं कर पायी लेकिन राजचंद्र जी ने गांधी को अपने व्यक्तित्व में समेट लिया. श्रीमद् राजचंद्र जी के जीवन और विचारों पर और अकादमिक शोध किया जाना चाहिए.

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पीएम मोदी ने कहा कि अभी मैं नीदरलैंड्स गया, मुझे नई जानकारियां मिलीं, भारत के बाद दुनिया में सबसे अधिक मार्गों के नाम गांधी के नाम पर कहीं हैं तो नीदरलैंड्स में हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता हम सबके स्वभाव में आ जाए, इससे बड़ी श्रद्धांजलि बापू को नहीं दी जा सकती है. गांधी कहते थे कि आजादी और स्वच्छता में मेरी प्राथमिकता स्वच्छता होगी, स्वच्छता का अभियान 2019 तक हर हिंदुस्तानी का स्वभाव बनना चाहिए, स्वच्छता हमारी रगों में, हमारे आचार-विचार में हर जगह होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में बहुत देर से आया हूं, जवानी का लंबा समय आदिवासियों के बीच काम करने में बीता, राजनीति में आया फिर भी यह विचार नहीं था कि इस राह पर आना है, संगठन के लिए काम करता था. हर जनप्रतिनिधि को ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड़ पराई जाने रे’ में रास्ता साफ मिल जाएगा.

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भीड़ की हिंसा पर पीएम मोदी ने सख्‍त सवाल किया. उन्होंने पूछा कि क्या किसी को मारना गोरक्षा है? हमारी धरती अहिंसा की धरती है, हमारी जन्मभूमि महात्मा गांधी की जन्मभूमि है, हम यह कैसे भूल सकते हैं.पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस देश में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. हिंसा से आज तक कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ और ना ही आगे होगा.

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