Video : पीएम का गुजरात दौराः मोडासा में बोले पीएम, बिजली-पानी के सपनों को हकीकत में बदला

राजकोट/अहमदाबाद : गुजरात दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोडासा में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. मोदी ने यहां 552 करोड़ रुपये की दो जलापूर्ति योजनाअों का उदघाटन करने के बाद मोडासा में एक जनसभा को संबोधित किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने सुनिश्चित किया है कि पूरे गुजरात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2017 12:36 PM

राजकोट/अहमदाबाद : गुजरात दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोडासा में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. मोदी ने यहां 552 करोड़ रुपये की दो जलापूर्ति योजनाअों का उदघाटन करने के बाद मोडासा में एक जनसभा को संबोधित किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने सुनिश्चित किया है कि पूरे गुजरात में किसानों को हमारी सिंचाई योजनाओं से पानी मिलता रहे.’

पानी की समस्या का मुद्दा उठाते हुए पीएम ने विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि दूसरे दल सिर्फ कागजों पर दावा करते हैं, लेकिन उनकी (मोदी की) सरकार ने बिजली-पानी के सपनों को हकीकत में तब्दील किया है. पीएम कहा कि पानी के बिना हर जगह अधूरी है. पानी के बिना जीवन संभव नहीं है. इसलिए उनकी सरकार ने नर्मदा में पानी की कमी को दूर किया.

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पीएम के मुताबिक, उनकी सरकार ने हमेशा लोगों को पानी मुहैया कराने के मुद्दों पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि जब तक गुजरात के कोने-कोने में पानी नहीं पहुंचता, विकास मुमकिन नहीं है.

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने आदिवासी और युवाओं को संबोधित करते हुए यहां अरावली में एक जलापूर्ति योजना की शुरुअात की. गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम अहदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे थे. यहां पर पीएम ने महात्मा गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि विश्व शांति के लिए यूनाइटेड नेशन्स को साबरमती आश्रम से सीख लेनी चाहिए.

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इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के राजकोट में रोड शो किया था, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी. आठ किमी लंबे रोड शो में मोदी को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. जोरदार बारिश के बावजूद महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में उत्साह कायम था.

इससे पूर्व, आजी डैम में नर्मदा के जल की पूजा करने के बाद जनसभा में उन्होंने कहा कि कभी रेल टैंकर से पानी राजकोट लाया जाता था. उस समय ये खबरें अखबारों में सुर्खियां बनती थीं. गढ्डे खोद कर नल से पानी भरा जाता था. उन्होंने कहा कि ‘सौनी योजना’ की जब घोषणा की गयी थी, तब विपक्ष और मीडिया ने कहा था कि यह संभव ही नहीं है. लेकिन, सरकार ने 470 किमी दूर नर्मदा बांध से पानी लाकर उसे 65 मंजिल की ऊंचाई तक चढ़ा कर सौराष्ट्र और कच्छ की सूखी धरती तक पहुंचा दिया.

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