जीएसटी के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन, उप्र में व्यापारियों ने ट्रेन रोकी
कानपुर/नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को ‘जल्दबाजी’ में लागू किये जाने के विरोध में शुक्रवार व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश में एक ट्रेन रोक दी और कुछ शहरों में जरूरी सामान के थोक बाजार पूरी तरह बंद रहे. आज आधी रात के बाद जीएसटी लागू होने से पहले कश्मीर व्यापार एवं विनिर्माता महासंघ […]
कानपुर/नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को ‘जल्दबाजी’ में लागू किये जाने के विरोध में शुक्रवार व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश में एक ट्रेन रोक दी और कुछ शहरों में जरूरी सामान के थोक बाजार पूरी तरह बंद रहे. आज आधी रात के बाद जीएसटी लागू होने से पहले कश्मीर व्यापार एवं विनिर्माता महासंघ ने शनिवार को नयी एकीकृत कर प्रणाली के खिलाफ घाटी में आम हड़ताल का आह्वान किया है.
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जीएसटी में ‘विसंगतियों एवं जटिलताओं’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, जबकि मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे. पश्चिम बंगाल में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से बुलाये गये बंद पर मिली-जुली प्रतिक्रिया रही. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में व्यापार एवं उद्योग संगठनों ने केंद्र से अपील की कि वे रिटर्न दाखिल करने के मुद्दे पर कम से कम एक साल तक नरमी बरते, क्योंकि कई कारोबार पहली बार जीएसटी के दायरे में आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में कानपुर विरोध के प्रमुख केंद्रों में से रहा. वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, फैजाबाद, शाहजहांपुर और गाजियाबाद से भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आयी. कानपुर में व्यापारी रेल पटरियों पर जमे रहे और कानपुर-प्रतापगढ़ यात्री ट्रेन रोक दी. उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव आनंद ने कहा, ‘हम जीएसटी के खिलाफ नहीं हैं. जीएसटी को जिस तरह जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है, हम उससे निश्चित तौर पर खुश नहीं हैं. अधिकारी और व्यापारी तैयार नहीं हैं. इसके अलावा, पोर्टल भी तैयार नहीं है.’
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अनाज, दाल और चीनी सहित थोक जिंस बाजार ब्रैंडेड अनाज और चीनी पर पांच फीसदी जीएसटी के विरोध में बंद रहे. अनाज व्यापारी कल्याण संगठन के महासचिव अशोक कुमार बंसल ने कहा कि थोक अनाज, दाल और अन्य जिंस की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं. उन्होंने कहा कि संगठन शून्य फीसदी जीएसटी दर की मांग कर रहा है. तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रवींद्र मोदी के मुताबिक, नयी व्यवस्था के हिसाब से ढलने में व्यापार को कम से कम छह महीने लगेंगे. रवींद्र ने कहा, कई मुद्दे हैं जिन पर स्थिति स्पष्ट किये जाने की जरुरत है. क्रियान्वयन के बाद ही हम इसके बारे में जान पायेंगे. कई और नये कारोबारी एवं सेवा प्रदाता अब कर के दायरे में आयेंगे. कर प्रणाली और रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया से परिचित होने के लिए उन्हें थोडा वक्त देने की जरूरत है.’ मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे.