पणजी : गोहत्या या बीफ खाने के शक में भीड़ की ओर से लोगों की हत्या की बढ़ती घटनाओं को ‘गंभीर’ करार देते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के मुकाबले पिछली सरकारों में ऐसी घटनाएं ज्यादा सामने आयी थीं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी घटनाओं के बाद देश में ‘कहीं किसी तरह का डर या आशंका नहीं है.’
शनिवार शाम गोवा में पेशेवरों की एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘मैं लोगों की पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटनाओं को कम करके नहीं आंकना चाहता और न ही इनकी तुलना करना चाहता हूं. मैं भी इस बारे में गंभीर हूं. लेकिन 2011, 2012 और 2013 में लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की ज्यादा घटनाएं हुई हैं.’
भाजपा नेता ने कहा, ‘हमारे तीन साल के कार्यकाल के दौरान लोगों की पीट-पीटकर हत्या की जितनी घटनाएं हुई हैं, उससे कहीं ज्यादा ऐसी घटनाएं पहले हुई हैं.’ हालांकि, उन्होंने इससे ज्यादा ब्योरा नहीं दिया. मई 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार बनी थी.
शाह ने कहा, ‘क्या आप कोई ऐसी घटना जानते हैं जिसमें गिरफ्तारियां नहीं हुई हों? शंकाओं का मेरे पास कोई जवाब नहीं है. देश में कहीं कोई शंका नहीं है.’ भाजपा अध्यक्ष से पूछा गया था कि गोहत्या या बीफ खाने के शक में पीट-पीटकर लोगों की हत्या की घटनाओं से क्या डर का माहौल बना है. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के दादरी में सितंबर 2015 में जब मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या की गयी थी, उस वक्त राज्य में सपा की सरकार थी और घटना को रोकना उसकी जिम्मेदारी थी.
शाह ने कहा, ‘लेकिन दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार के सामने प्रदर्शन किया गया. यह कौन सा फैशन है?’ गौरतलब है कि भाजपा शासित झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की कई घटनाएं हाल में हुई हैं, जिससे देश स्तब्ध है और कई जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. हाल में हरियाणा के वल्लभढ जिले में 15 साल के एक नौजवान की इसी तरह हत्या कर दी गयी. झारखंड के रामगढ़ जिले में भी स्वयंभू गौरक्षकों ने एक मुस्लिम मांस कारोबारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी.