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डिजिटल डेस्क/प्रभात खबर ब्यूरो
रांचीः राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भूतपूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि रेलवे के होटल को लीज पर देने के मामले में उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है. लालू ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, सब नियमों के तहत हुआ. उनके रेल मंत्री बनने से पहले हुआ. होटल के आवंटन में मेरी कोई भूमिका नहीं है. यदि मेरी कोई भूमिका होगी, तो मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं.
Political vendetta ke tehet mere aur mere parivaar par lagatar hamle ho rahe hain, ye chahte hain hum BJP ke saamne jhuk jayen:Lalu Yadav pic.twitter.com/tjF63UN1ko
— ANI (@ANI) July 7, 2017
लालू प्रसाद ने कहा कि सरकार जनशक्ति से उनका मुकाबला नहीं कर पा रही है, तो अब सीबीआइ का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार को मालूम है कि बिहार में लालू मजबूत है. मुकाबले में कहीं नहीं टिकेंगे. इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है.’ उन्होंने कहा, ‘लालू प्रसाद मिट्टी में मिल जायेगा, लेकिन 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को हटा कर ही दम लेगा.’ उन्होंने कहा कि किसी का अहंकार नहीं टिका. अहंकार में चूर इन लोगों को भी सत्ता से बेदखल करके ही वह दम लेंगे.
उन्होंने कहा कि अब नरेंद्र मोदी की विदाई का समय आ गया है. हमने तैयारी कर ली है. उन्हें भगा कर ही दम लेंगे. लालू प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि मैं भाजपा और आरएसएस के सामने झुक जाऊं, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा. भाजपा की गीदड़भभकी से लालू डरने वाला नहीं है. हम भाजपा को तोड़ कर ही दम लेंगे. नेस्तोनाबूद कर देंगे भाजपा को. उन्होंने कहा कि देश में तानाशाही का माहौल हो गया है. इसमें सीबीआई का कोई दोष नहीं है. सब केंद्र सरकार और आरएसएस के इशारे पर हो रहा है.
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लालू प्रसाद ने कहा कि उन्हें डराने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. लेकिन, उन्हें अब सीबीआइ से डर नहीं लगता. उनकी अनुपस्थिति में उनके घर पर छापेमारी हुई. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चों ने उनसे कहा कि सीबीआइ की रेड हुई है, तो उन्होंने कहा कि अधिकारी जो जानकारी चाहते हैं, उन्हें पूरी जानकारी दे दें. लालू ने कहा कि वे सीबीआइ से डरते नहीं. 20 साल से सीबीआइ का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार जनशक्ति से पराजित हो रही है, तो लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआइ का सहारा ले रही है.
लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर हुई सीबीआइ की छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लालू प्रसाद ने कहा सीबीआइ की कोई गलती नहीं है. उनके आका नरेंद्र मोदी उन्हें जो निर्देश दे रहे हैं, वे उसका पालन कर रहे हैं. इसलिए पत्नी और बच्चों से कहा कि सीबीआइ के अधिकारियों को बाकायदा अपनी गाड़ी और सुरक्षा में उन्हें सुरक्षित स्थल तक पहुंचा दें, ताकि उनके साथ कुछ गलत न हो. यदि ऐसा हो गया, तो लालू प्रसाद की घोर बदनामी होगी.
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राजद सुप्रीमो ने कहा, ‘मेरी शक्ति और जवानी इसी मुकदमे में बीत गयी. मेरे बाप-दादा को भी इसी तरह परेशान किया जाता था. केस-मुकदमा में फंसा कर तोड़ने की कोशिश हो रही है.’ उन्होंने कहा कि जो भी गरीब-गुरबा और युवा की आवाज बुलंद करता है. सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने कहा कि सीबीआइ का कोई दोष नहीं है. केंद्र में सत्तासीन दल वर्ष 2019 के चुनाव की तैयारी में जुटी है. उसे पता है कि बिहार में लालू मजबूत है. बहलाने-फुसलाने से नहीं मानेगा. ये लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं. इसिलए सीबीआइ का इस्तेमाल करना चाहते हैं. सीबीआइ जब भी उनसे (लालू यादव से) पूछताछ करना चाहेगी, वह उनके सवालों का जवाब देने के लिए उपलब्ध रहेंगे.
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बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत में पेशी के बाद गेस्टहाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आइआरसीटीसी का गठन 1999 में हुआ. 2002 में आइआरसीटीसी ने काम करना शुरू किया. 2003 में दिल्ली-हावड़ा-रांची एवं पुरी के यात्री निवास एवं होटल को आइआरसीटीसी को हैंडओवर किया गया. तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. एनडीए की सरकार थी. इसमें लालू प्रसाद की कोई भूमिका नहीं थी.
लालू प्रसाद ने कहा कि 31 मई, 2004 को वह रेल मंत्री बने. उन्होंने होटल के बदले जमीन लेने के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया. लालू ने कहा कि रेल मंत्रालय डूब रहा था. उन्होंने रेलवे का कायाकल्प किया. आज होटलों में लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं. रांची और पुरी के होटलों में कुत्ते-बिल्ली और गाय-भैंस घूमते रहते थे. दिल्ली के यात्री निवास में चोर-उचक्के ठहरा करते थे. आज उस होटल के रख-रखाव की जिम्मेवारी टाटा ने ले रखी है.
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उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में जिन होटलों को लीज पर दिया गया, उसमें कोई अनियमितता नहीं हुई. उन्होंने किसी का पक्ष नहीं लिया. सबसे ज्यादा बोली लगानेवालों को होटल का लीज दिया गया. उन्होंने कहा कि आइआरसीटीसी को होटलों से लाइसेंस फीस के रूप में अब भी 1 करोड़ रुपये मिलते हैं. 15 साल बाद आइआरसीटीसी को सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ होटल वापस कर दिये जायेंगे.
आइआरसीटीसी रेलवे की ऑटोनोमस बाॅडी है. वह सबको मैनेज करता है. सुनने में आया है कि उसी ने अपने यहां बुला कर एफआइआर करवाया है. उसके बाद पटियाला कोर्ट से सर्च वारंट लेकर यह कार्रवाई की गयी है.