सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार के आवासों पर छापेमारी कर मामला किया दर्ज
नयी दिल्ली : सीबीआइ ने आज पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज करने के बाद 12 स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआइ के अपर निदेशक राकेश अस्थाना ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि आज सुबह सात बजे से पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुरग्राम में 12 स्थानों पर छापेमारी की गयी.
अस्थाना ने बताया पूरा मामला
अस्थाना ने कहा, ‘ ‘मामला भारतीयदंड विधान की धारा 120बी आपराधिक साजिश, 420 धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का है. ‘ ‘ उन्होंने बताया कि यह पूरी साजिश 2004 से 2014 के बीच में रचीगयी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आइआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रख-रखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित ‘ ‘सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड ‘ ‘ को दे दिया गया. उन्होंने कहा, ‘ ‘आरोप यह है कि 2004 से 2014 के बीच निविदाएं देने की इस प्रक्रिया में धांधली की गयी और निजी पक्ष :सुजाता होटल: को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की शर्तो को हल्का कर दिया गया. इसके बदले में पूर्वी पटना में तीन एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर ‘डिलाइट मार्केटिंग ‘ को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है. फिर इसे ‘लारा प्रोजेक्ट्स ‘ को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसका मालिक लालू के परिवार के सदस्य हैं. ‘ ‘
अस्थाना ने बताया कि यह स्थानांतरण भी बेहद कम कीमत पर किया गया जहां सर्कल रेट के अनुसार भूमि की कीमत 32 करोड़ रुपए थी उसे ‘लारा प्रोजेक्ट्स ‘ को करीब 65 लाखरुपए में स्थानांतरित किया गया.
इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद पांच जुलाई को मामला दर्ज किया गया था. सीबीआइ ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सुजाता होटल के दोनों निदेशक विजय एवं विनय कोचर, चाणक्य होटल, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी :जो अब लारा प्रोजक्ट्स के तौर पर पहचानी जाती है: के मालिकों और तत्कालीन आइआरसीटीसी के प्रबंधक निदेशक पीके गोयल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. वर्ष 2001 में भारतीय रेलवे के होटलों सहित उसकी खानपान सेवाओं का प्रबंधन आइआरसीटीसी को सौंपने का निर्णय लिया गया था.
रांची और पुरी में दो बीएनआर होटलों की पहचान भी की गयी और 19 मार्च 2004 को रेलवे और आइआरसीटीसी के बीच एक सहमति पत्र भी हस्ताक्षर किया गया था. सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने सुजाता होटलों के मालिकों, उनके विश्वासपात्र प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आइआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर ‘ ‘स्वयं और दूसरों के अनुचित लाभ ‘ ‘ के लिए एक आपराधिक साजिश रची. उसमें आरोप लगाया गया कि विनय कोचर ने 25 फरवरी 2005 को पटना में तीन एकड़ जमीन के रूप में एक व्यावसायिक संपत्ति को 10 बिक्री नामों के जरिए ‘डिलाइट मार्केटिंग ‘ को 1.47 करोड़रुपये में बेचा गया था. ‘डिलाइट मार्केटिंग ‘ की निदेशक सरला गुप्ता थी जो कि एक मुखौटे के तौर पर लालू प्रसाद यादव के स्थान पर कंपनी की एक बेनामी धारक थी.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि जमीन कंपनी को सर्कल रेट एवं मार्केट रेट की तुलना में कम कीमत पर बेचीगयी और पर्याप्त स्टांप शुल्क से बचने के लिए उसे गलत तरीके से कृषि भूमि केरूप में दिखाया गया था. सीबीआइ को प्राथमिक जांच में पता चला कि जमीन कोचर द्वारा डिलाइट को बेचीगयी और अहलुवालिया ठेकेदारों एवं उसके प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया के जरिए डिलाइट में निवेश के तौर पर ‘गुप्त ‘रूप से कंपनी द्वारा ही इसके भुगतान की व्यवस्था भी की गयी थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि, ‘ ‘ कोचर द्वारा डीएमसीएल के पक्ष में जब 25 फरवरी 2005 को बिक्री नामों को निष्पादित किया गया, उसी दिन ही रेलवे बोर्ड ने आइआरसीटीसी को उसके बीएनआर होटलों को उसे :आइआरसीटीसी को: स्थानांतिरत करने के निर्णय के बारे में जानकारी दी. ‘ ‘ सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि बीएनआर होटल के रखरखाव का काम सुजाता होटल्स को देने की निविदाओं की प्रक्रिया में धांधली थी जिसका संचालन आइआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल द्वारा किया गया था. सीबीआइ की जांच में सामने आया है कि रेलवे ने 16 सितंबर 2006 को रेल रतन होटल्स के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रांची और पुरी में बीएनआर होटलों की स्पर्धा को ‘सीमित ‘ करने के लिए आइआरसीटीसी के आधिकारियों ने बीएनआर होटलों के लिए निविदा दस्तावेजों की बिक्री शुरू होने का जिक्र करते हुए एक शुद्धिपत्र जारी किया था.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि बोली में सुजाता होटल को एक मात्र दावेदार बनाने के मद्देनजर बाद में शर्तों में बदलाव करते हुए एक और शुद्धिपत्र जारी किया गया था.
सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि लालू बतौर रेल मंत्री सभी प्रक्रियाओं से अवगत थे और निविदा प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए थे. जांच में सामने आया है कि दोनों होटलों के लिए 15 से अधिक बोलियां लगी लेकिन आइआरसीटीसी के पास सुजाता होटल के अलावा किसी और का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुजाता होटल को अनुचित आथर्कि लाभ पहुंचाने के लिए दूसरे होटलों की बोलियों को तकनीकी मूल्यांकन के तहत जानबूझकर एवं अनुचित तौर पर कम अंक दिए गए.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘ ‘ इसके परिणामस्वरूप सुजाता होटल वित्तीय मूल्यांकन में एकमात्र बोलीदाता बना और बोली में योग्य भी साबित हुआ.’ ‘ निविदा सुजाता होटल को मिलने के बाद 2004 से 2014 के बीच ‘डिलाइट मार्केटिंग ‘ का स्वामित्व सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को सौंपा गया. इस बीच लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री के पद से मुक्त हो गए थे.
कोचर भाईयों द्वारा ‘डिलाइट मार्केटिंग ‘ को जो जमीन 2005 में 1.47 करोड़ रपए में बेची गयी उसकी कीमत सर्कल रेट में 32.5 करोड़ रुपए और मार्केट रेट में 94 करोड़ रुपए तक बैठती है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘ ‘32.5 करोड़ रुपए नेटवर्थ की कंपनी को पीसी गुप्ता के परिवार द्वारा मात्र 65 लाख रुपए की एक मामूली राशि पर लालू प्रसाद यादव के परिवार को स्थानांतरित कर दिया गया. ‘ ‘